तुलसी विवाह मुख्यतः कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। इसे तुलसी एकादशी या गोवर्धन पूजा के दिन के रूप में भी जाना जाता है। 2024 में यह दिन 22 नवंबर को आएगा।
Written By : Amisha Gupta
इस दिन, विशेष रूप से तुलसी के पौधे की पूजा की जाती है और उसका विवाह भगवान श्री विष्णु से किया जाता है।
तुलसी विवाह का मुहूर्त आमतौर पर सुबह 7:00 बजे से लेकर दोपहर 12:00 बजे तक होता है, लेकिन स्थानीय पंचांग के अनुसार यह समय भिन्न हो सकता है। इस समय के दौरान, भक्तजन तुलसी के पौधे के पास जाकर पूजा करते हैं और भगवान विष्णु की आराधना करते हैं।
तुलसी का पौधा हिन्दू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण है। इसे पवित्र माना जाता है और यह घरों में शुभता लाने के लिए पूजा जाता है।
तुलसी का जल और पत्ते औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं, इसलिए इसे स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी माना जाता है।विष्णु जी और तुलसी जी के विवाह की कथा हिन्दू पुराणों में विस्तृत रूप से वर्णित है। मान्यता है कि तुलसी जी का जन्म देवी लक्ष्मी के रूप में हुआ था। उनका विवाह भगवान शिव से हुआ था, लेकिन तुलसी जी की एक प्रार्थना थी कि वे विष्णु जी के साथ विवाह करना चाहती हैं।
तुलसी जी ने कठोर तपस्या की, जिससे प्रभावित होकर भगवान शिव ने तुलसी को आशीर्वाद दिया कि वे भगवान विष्णु की पत्नी बनेंगी।
इसके बाद भगवान विष्णु ने तुलसी जी को अपने पास बुलाया और उन्हें अपनी प्रिय पत्नी के रूप में स्वीकार किया।इस विवाह का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इसे भक्तों के लिए समर्पण और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। इस दिन, भक्तजन तुलसी के पौधे की विशेष पूजा करते हैं और उसके चारों ओर मंडप सजाते हैं, जैसे विवाह के समय सजावट की जाती है।
तुलसी विवाह की विधि –
घर के आंगन या बगीचे में तुलसी के पौधे को अच्छे से सजाया जाता है। फूल, रंगोली और दीये जलाए जाते हैं।
तुलसी की पूजा करते समय भक्तजन शुद्ध होकर स्नान करते हैं और फिर तुलसी के पौधे के पास जाते हैं।
भगवान विष्णु की आरती की जाती है और तुलसी जी को समर्पित भोग अर्पित किया जाता है।
कुछ स्थानों पर तुलसी और विष्णु जी के विवाह का प्रतीकात्मक अनुष्ठान किया जाता है। इसमें तुलसी के पौधे के चारों ओर मंडप सजाया जाता है।पूजा के बाद प्रसाद का वितरण किया जाता है, जिसमें तुलसी के पत्ते, मिठाइयाँ और फल शामिल होते हैं।तुलसी विवाह का आयोजन सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधी लाभों के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह समाज में प्रेम, एकता और भक्ति को बढ़ावा देता है। इसके अलावा, तुलसी के पौधे के नियमित उपयोग से स्वास्थ्य में सुधार होता है।
तुलसी विवाह एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है जो न केवल भक्ति को बढ़ावा देता है, बल्कि परिवार और समाज में एकता और प्रेम की भावना को भी मजबूत करता है। यह अवसर हर साल भक्तों द्वारा श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस दिन की तैयारियों से लेकर विवाह की सभी विधियों तक, हर पहलू में धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्य छिपे हैं।