पाकिस्तान की एक अदालत ने एक नाबालिग ईसाई लड़की आरजू को बुधवार को अपने माता पिता के साथ घर जाने की अनुमति दी।
इस्लाम कुबूलने पर ईसाई लड़की को पाकिस्तान की अदालत ने भेजा घर
बता दे की आरजू एक साल से महिलाओं के आश्रय गृह में रह रही थी और उसने कथित तौर पर इस्लाम अपना लिया था और अपनी मर्जी से शादी की थी।
वही एक चिकित्सा बोर्ड द्वारा इसकी पुष्टि किये जाने पर पता चला कि आरजू 14 साल की नाबालिग है नवंबर 2020 में उसे न्यायमूर्ति मोहम्मद करीम खान आगा की अध्यक्षता वाली सिंध उच्च न्यायालय की दो सदस्यीय पीठ ने आश्रय गृह भेज दिया था।
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इसके बाद अदालत ने आदेश दिया था कि आरजू नाबालिग है और इसलिए वह कानूनी तौर पर वैध शादी नहीं कर सकती और उसकी सहमति का कोई कानूनी आधार नहीं है।
वही दूसरी ओर आरजू ने दावा करते हुए था कि उसने अपनी मर्जी से शादी की थी। अदालत ने पुलिस को आदेश दिया था कि लड़की के पति के विरुद्ध कार्रवाई की जाए अदालत ने कहा क्योंकि उसने सिंध बाल विवाह रोक कानून 2013 का उल्लंघन किया था।