Gorakhpur ranks third most polluted city after Gaziabad and Noida: गाजियाबाद और नोएडा के बाद अब गोरखपुर की आबोहवा और ज्यादा प्रदूषित हो गई है। बता दें कि जो एयर क्वालिटी इंडेक्स 296 था, अब वह बढ़कर 311 हो गया है। यानी 24 घंटे में ही एक्यूआई 15 बढ़ गया है। गोरखपुर यूपी खराब आबोहवा के मामले में तीसरे स्थान पर है। एक्यूआई का जो आंकड़ा सीपीसीबी ने जारी किया है, वह चिंता का विषय है।
प्रदूषण के कारण वायुमंडल के ऊपरी सतह पर धुंध छाई है। और हर तरफ धूल के कण हैं। जिसके चलते शहरवासियों का दम फूल रहा है। बता दें कि दीवाली के बाद से हवा की गुणवत्ता जो खराब हुई है, वह अब तक सुधरी नहीं है। हवा में नमी की मात्रा बढ़ने और ऊपरी वायुमंडल में हवा की रफ्तार इतनी कम है कि गोरखपुर के ऊपरी हिस्से में मानो प्रदूषण जम सा गया है।
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एमएमएमयूटी परिसर में लगा एक्यूआई मापक यंत्र
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का एक्यूआई मापक यंत्र अब एमएमएमयूटी परिसर में ही लगा है। सीपीसीबी की वेबसाइट के जरिए ही रोज एक्यूआई रिपोर्ट अपलोड की जाती है।
एमएमएमयूटी परिसर में लगे प्रदूषण नियंत्रण डिस्प्ले बोर्ड के आसपास पानी का छिड़काव कराया गया है। यदि छिड़काव का प्रभाव ठीक हुआ तो एयर क्वालिटी इंडेक्स का स्तर सुधर सकता है। आपको बता दें कि एमएमएमयूटी से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान तक सड़क का निर्माण चल रहा है। इस कारण ट्रैफिक डायर्वट किया गया है। और अधिकतर वाहन एमएमएमयूटी की तरफ की सड़क से निकाले जा रहे हैं। इसका असर भी एक्यूआई पर पड़ा है।
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प्रदूषण नियंत्रण के लिए लगातार होगा पानी का छिड़काव
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी पंकज यादव का कहना है कि शहर के विभिन्न इलाकों में लगातार निर्माण चल रहा है। जिसकी वजह से धूलकण लगातार वायुमंडल में बड़े जा रहे हैं जिसके चलते नगर निगम लोक निर्माण विभाग गोरखपुर विकास प्राधिकरण आदि विभागों से निर्माण साइटों पर पानी का छिड़काव संबंधी पत्र लिखा गया था। हालांकि इन विभागों द्वारा इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। और कंस्ट्रक्शन साइटों पर लगातार पानी का छिड़काव होने की वजह से वायुमंडल में धूल के कण नहीं घुल पाएंगे। ऐसे में गोरखपुर शहर में परिवेशीय वायु गुणत्ता में एक्यूआई में कमी आएगी और शहर की हवा स्वच्छ बनेगी।
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धूल, धुआं से बिगड़ी हवा की गुणवत्ता
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों का कहना है कि निर्माण कार्यों व वाहनों की लंबी कतार से हवा की गुणवत्ता खराब हुई है। गोरखपुर के अधिकतर इलाकों में सड़क, सीवर लाइन या फिर दूसरी विकास परियोजनाओं का काम चल रहा है। जिसके चलते इससे धूल का गुबार उठ रहा है। और पानी छिड़काव के कोई खास इंतजाम नहीं किए गए हैं। दूसरी ओर इसी तरह से जाम की चुनौती से निपटने की कोई खास व्यवस्था नहीं की गई है। सड़कों के निर्माण व डायवर्जन की वजह से दिनभर जाम की समस्या बनी हुई है