शराब के व्यापार पर रोक लगाने के लिए जिलों में एंटी लीकर टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा।बता दें कि इस टास्क फोर्स की जिम्मेदारी खासकर ग्रामीण इलाकों में होनेवाले शराब के अवैध कारोबार पर लगाम लागने की होगी।जिला पुलिस के अधीन बनने वाली इस विशेष फोर्स का गठन कुछ इस तरह किया जाएगा कि यह बड़ी कार्रवाई करने में सक्षम हो।
बता दें कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान डीजीपी एसके सिंघल ने सभी जिलों को एएलटीएफ का गठन करने का आदेश दिया है।
जिलों के एसपी एएलटीएफ के गठन का आदेश जारी करेंगे।आदेश में टास्क फोर्स के मद्यनिषेध संबंधि दायित्वों के साथ टीम के सभी सदस्यों का नाम और मोबाइल नंबर भी अंकित रहेगा। टीम के गठन का जो आदेश जारी होगा उसकी एक कॉपी आईजी मद्यनिषेध को भी उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए हैं।पुलिस मुख्यालय के अनुसार हर जिले में अच्छी खासी संख्या में एंटी लीकर टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा।
वहीं डीजीपी द्वारा जिलों को कम से कम 5-6 ऐसी टीम का गठन करने को कहा गया है। जिसमे हर टीम का नेतृत्व इंस्पेक्टर रैंक के अफसर करेंगे।इसके साथ ही इसमें सब-इंस्पेक्टर, जिला सशस्त्र बल के 4 जवान और मद्यनिषेध विभाग से संबंद्ध किए गए 10 होमगार्ड को रखा जाएगा।
इसके अलावा वर्तमान समय में जिलास्तर पर एक एंटी लीकर टास्क फोर्स काम कर रही है।
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बता दें कि जहरीली शराब से हुई मौत के बाद प्रत्येक जिले में 5-6 टीमों का गठन करने का आदेश दिया जा चूका है और इन्हें खासकर ग्रामीण इलाकों में देसी शराब के अवैध धंधे को रोकने की जिम्मेदारी दी जाएगी।
जिससे ग्रामीण इलाकों में चोरी-छुपे शराब बनाने के धंधे पर रोक लगाई जा सके।
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बता दें कि एंटी लीकर टास्क फोर्स की हर एक टीम को जिले के ग्रामीण थाना से टैग किया जाएगा।जिस थाना से टीम टैग होगी उसके साथ संयुक्त रूप से शराब के निर्माण तथा बिक्री के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
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हालांकि एएलटीएफ को स्वतंत्र रूप से भी कार्रवाई की छूट दी गई है।ये टीम अपनी सूचना पर खुद भी कार्रवाई कर सकती है, जिसके लिए उसे किसी की इजाजत लेने की जरूरत नहीं होगी।