पाकिस्तान के शीर्ष धार्मिक निकाय ने कहा कि कानून को हाथ में लेना कुरान, शरीयत की शिक्षाओं और संविधान के खिलाफ है।
बता दे की हाल ही में निकाय ने देश के पंजाब प्रांत में श्रीलंकाई नागरिक की पीट-पीटकर हत्या किए जाने के दोषियों को कानून के हवाले करने की मांग करते हुए यह बात कही।
पाकिस्तान के शीर्ष धार्मिक निकाय का बयान-इस्लाम के खिलाफ श्रीलंकाई नागरिक की लिंचिंग
शीर्ष धार्मिक निकाय ने दोषियों को कानून के हवाले करने की कही बात
बता दे की इस महीने की शुरुआत में कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के समर्थकों ने ईशनिंदा के आरोप पर सियालकोट में कपड़े के एक कारखाने पर हमला कर दिया था इतना ही नहीं इसके महाप्रबंधक प्रियंता कुमार दियावदाना की पीट-पीटकर हत्या कर उसकी लाश को आग लगा दी थी। वही इस मामले में 900 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।
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जिसके चलते कुल 150 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया। बता दे की ‘काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी’ के अध्यक्ष डॉ. किबला अय्याज के मुताबिक देश के सामने एक गंभीर मुद्दा कानूनों को लागू करना है और सियालकोट जैसी घटना को फिर से होने से रोकने के लिए न्यायिक प्रणाली में सुधार की जरूरत है। इसमें कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति कानून अपने हाथ में लेता है तो देश को उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।