Written By : Amisha Gupta
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण लगातार गंभीर स्थिति में पहुंचता जा रहा है।
राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब स्तर पर है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) कई इलाकों में 500 के करीब पहुंच गया है, जो कि “गंभीर” श्रेणी में आता है। NCR के अलावा उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में भी स्मॉग का असर साफ देखा जा रहा है।दिल्ली के आनंद विहार, बवाना, विवेक विहार, और रोहिणी जैसे क्षेत्रों में AQI 490-500 तक दर्ज किया गया है। नोएडा, गाजियाबाद, और फरीदाबाद जैसे एनसीआर के शहर भी बेहद खराब हवा की चपेट में हैं। लोधी रोड और इंडिया गेट जैसे इलाकों में भी स्मॉग की मोटी परत छाई हुई है। दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण पराली जलाने की घटनाएं, वाहनों से होने वाला धुआं, औद्योगिक प्रदूषण, और निर्माण कार्यों से उठने वाली धूल है।
इसके साथ ही, तापमान में गिरावट और हवा की धीमी गति से प्रदूषकों का फैलाव नहीं हो पा रहा है, जिससे प्रदूषण और भी बढ़ रहा है।
स्मॉग के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन, और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) लागू किया है। इसमें निर्माण गतिविधियों पर रोक, सड़कों पर पानी का छिड़काव, और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शामिल है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि स्थायी समाधान के लिए सरकार और नागरिकों को मिलकर काम करना होगा। स्मॉग की इस समस्या से निपटने के लिए मास्क पहनना, घर के अंदर रहना, और वाहनों का कम उपयोग करना जरूरी हो गया है।