आये दिन दहेज़ से जुड़े कई मामले सुनते आये है, लेकिन इस समस्या का हल सिर्फ भावुकता से शुरू होकर भावुकता पर ख़त्म हो जाता है। देश में दहेज़ प्रथा से जुड़े नियम सिर्फ एक रोमांटिक कार्यवाई बनकर रह गयी है। हम आधुनिकता के साथ इतने आगे बढ़ चुके है लेकिन, हमारे समाज की मानसिकता अशिक्षित असभ्य समाज में रुकी हुई है।
एक फिर दहेज़ को लेकर प्रताड़ित करने वाली कहानी हरियाणा के सिरसा जिला के डिंग मंडी गाँव से आ रही है। काल्पनिक नाम अनुराधा सोलंकी, पति रवि सोलंकी, ससुर का नाम राधेश्याम सोलंकी तथा सास का नाम शांति देवी ने दहेज़ के चलते अनुराधा सोलंकी की जबरदस्त पिटाई कर दी।
अनुराधा सोलंकी ने बताया कि “मैं अपने पति के साथ अपने ससुराल डिंग मंडी रहती हूं। पिछले कई दिनों से मेरे ससुराल वाले दहेज के लिए मुझे प्रताड़ित करते हैं। मेरे पति अपने माता पिता व अपने परिवार वालों के कहने पर मुझे मारते-पीटते है और बार-बार ताना देते है कि अपने घर से पैसा लाओ। मैं उनके शारीरिक प्रताड़ना से अब इतनी दुखी हो चुकी हूं कि अब एक पल भी उनके साथ नहीं रहना चाहती। साथ में अब डर भी लगता है कि क्या पता वह मुझे कब जान से मार दे।”
अनुराधा सोलंकी ने आगे कहा कि ‘मैं पीपा क्षत्रिय समाज से अपील करना चाहती हूं कि पुलिस अधीक्षक के सामने उपस्थित होकर मुझे न्याय दिलाये ताकि समाज के ऐसे दरिंदों का पर्दाफाश हो सके जो बहु बेटियों को एक खिलौना समझते हैं।’ इस बात को साबित करने के लिए पीड़ित ने अपनी तस्वीरें भी साझा की जिसमें साफ तौर पर शरीर पे चोट के निशान देखा जा रहा है।
हमें सोचना होगा कि हमारे समाज की सोच कितनी असभ्य मानसिकता के बुनियाद पे टिकी हुई है। जिसमें इतने अहम रिश्ते की तुलना वस्तु पर निर्भर करती है। कानून के कड़े नियमों के बावजूद समाज में कोई बदलाव क्यों नहीं होता लोग अपनी मानसिक स्थिति क्यों नहीं बदलते है।