भारतीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए वाराणसी एक लोकप्रिय जगह है। जैसा की आप सब जानते ही है कि वाराणसी के पास कई धार्मिक स्थलों, ट्रेकिंग स्पॉट और वन्यजीव अभयारण्यों का एक आदर्श समामेलन हैं।वाराणसी के पास कई पर्यटन स्थल हैं जो इस जगह की सुंदरता को प्रदर्शित करते हैं और एक अविस्मरणीय यात्रा अनुभव प्रदान करते हैं।आप अगर वाराणसी के पास घूमने का प्लान बना रहे हैं तो इन जगहों पर जाना बिल्कुल न भूले, चलिए जानते हैं इन जगहों के बारे में……
राजदारी
सबसे पहले हम बात करेंगे राजदारी की, जोकिवाराणसी के पास स्थित लोकप्रिय पिकनिक स्थलों में से एक है।बता दें कि यह वाराणसी से लगभग 70 किमी दूर है और यहाँ सुंदर झरने हैं जो की पर्यटकों को आकर्षित करता है।वीकेंड पर लोग यहाँ परिवार के साथ पिकनिक मानाने के लिए और झरनों का आनंद लेने के लिए आते हैं। यह जगह प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफी के शौक़ीन लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है।
चंद्रप्रभा
अब हम बात करेंगे चंद्रप्रभा की जोकि वाराणसी से लगभग 70 किमी दूर स्थित है और वाराणसी के पास लोकप्रिय पिकनिक स्थलों में से एक है बता दें कि यह उत्तर प्रदेश के दक्षिण-पूर्व में एक वन्यजीव अभयारण्य है।यह नौगढ़ और चकिया के बीच स्थित है।यहाँ पर पहुँचने के लिए आप टैक्सी या ऑटो जैसे परिवहन चुन सकते हैं।वीकेंड में यहाँ बहुत भीड़ होती है।स्थानीय लोगों और पर्यटकों के बीच यह जगह पिकनिक मानाने के लिए लोकप्रिय है।
चुनर फोर्ट
चुनर फोर्ट जोकि वाराणसी के बाहरी इलाके में स्थित है और वाराणसी के पास लोकप्रिय पिकनिक स्थलों में से एक है।यह वाराणसी शहर के पास स्थित एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है।वाराणसी के पास कई प्राचीन ऐतिहासिक स्थान हैं, जो स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए वाराणसी के पास पवित्र स्थानों की यात्रा करने के लिए अच्छे हैं।
सारनाथ
इसके अलावा सारनाथ, बौद्ध धर्म में चार सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से है।वाराणसी के उत्तर-पूर्व में स्थित यह भारत के प्रसिद्ध बौद्ध तीर्थ स्थानों में से एक है।बता दें कि यह वह स्थान है जहां गौतम बुद्ध ने सबसे पहले धर्म की शिक्षा दी थी और कोंडाना के ज्ञान के माध्यम से बौद्ध संघ अस्तित्व में आया था।अशोक स्तंभ, मूलंगंधा कुटी विहार, पुरातत्व संग्रहालय, चीनी और थाई मंदिर और मठ यहां के आसपास देखने लायक अन्य चीजों के अलावा हैं।
विंध्याचल
अब हम बात करेंगे विंध्याचल की, जोकि वाराणसी से 76 किमी की दूरी पर स्थित है।और एक प्रसिद्ध हिंदू तीर्थस्थल है।शास्त्रों के मुताबिक इसे देवी दुर्गा का निवास माना जाता है। किंवदंती है कि देवी ने महिषासुर राक्षस का वध करने के बाद विंध्याचल को अपने निवास स्थान के रूप में चुना था।बता दें कि विंध्याचल में अनेक मंदिर हैं,जहाँ पर सालभर भक्तों का तांता लगा रहता है।