चंद्रयान 2 मिशन, लैंडर विक्रम से संपर्क टूटने के बाद से ही इसरो, लैंडर विक्रम से संपर्क साधने की काफी कोशिश कर रहा है. लेकिन अब तक उससे उसका संपर्क स्थापित नहीं हो पाया है. चांद पर रात होने वाली है. ऐसे में उससे संपर्क की सभी उम्मीदें लगभग खत्म हो चुकी हैं. इसके बावजूद भारतीयों को उम्मीद थी कि नासा उन्हें लैंडर विक्रम की एक और तस्वीर खींचकर भेजेगा लेकिन अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी का कहना है कि वह उसके ऑर्बिटर में लगे कैमरे की पहुंच से बाहर है.
नासा का एलआरओ (लूनर रिकॉस्सेंस ऑर्बिटर) पिछले 10 सालों से चांद के चक्कर काट रहा है। वह मंलगवार को उस साउट से गुजरा जहां लैंडर तिरछा पड़ा हुआ है. नासा के ग्रह विज्ञान विभाग के सार्वजनिक मामलों के अधिकारी ए हंदल ने कहा, ‘लूनर रिकॉस्सेंस ऑर्बिटर कैमरा एलआरओसी ने लक्षित लैंडिंग साइट के आसपास की तस्वीरें खींची हैं लेकिन लैंडर के सही स्थान का का पता नहीं चल पाया है. हो सकता है कि लैंडर का स्थान कैमरे के क्षेत्र से बाहर हो.’
chandrayaan-2, इसरो का दूसरा चंद्र मिशन था. चांद की सतह पर सेफ लैंडिंग करते हुए इसरो का संपर्क लंदन विक्रम से टूट गया था. आपको बता दें लेंडर के अंदर प्रज्ञान ग्रोवर को भेजा गया था जिसे चांद की सतह पर उतरकर वहां के वातावरण, भूकंप, खनिज पदार्थों आदि के बारे में जानकारी इकट्ठा करनी थी.
विक्रम लेंडर के ऊपर से गुजर गए ऑर्बिटर से मिली तस्वीरों का पूरी तरह परीक्षण करने के बाद ही उसे पब्लिक को दिखाया जाएगा. वर्तमान समय में चांद के उस हिस्से में रात होने लगी है जहां विक्रम लंडन को सेव लैंडिंग करनी थी.
Written by – Ashish kumar
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