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परीक्षा तक सोशल मिडिया से बनाये दूरी :- आर.के.झा

वरुण ठाकुर की रिपोर्ट

बिहार बोर्ड इंटर की परीक्षा में जुटे छात्रों के लिए अगले 20 से 25 दिनों कि तैयारी बेहतर भविष्य की नींव रखेगी। बचे हुए दिनों में पूरे पाठ्यक्रम को समेटने और तैयारी को पुख्ता करने मैं जुटे छात्रों के मन में इस तरह की आशंकाएँ बैठ जाती है इसी कड़ी मैं आज दरभंगा के गणितज्ञ आ. के . झा ने न्यूज 10 इंडिया से बात करते हुये बचे हुये समय मैं बच्चे कैसे तैयारी करें । जिससे परीक्षा के भय से बाहर निकल कर कैसे योजनाबद्ध तैयारी से मन मुताबिक रिजल्ट ला सके । परीक्षा संबंधित कुछ टिप्स ।

  • * क्या आपका टाइम टेबल तैयार है?परीक्षा की तैयारी को अंतिम रूप देने की पहली सीढ़ी है- आपका स्टडी प्लान. अब तक आपको यह समझ आ ही गया होगा कि आपको किस विषय में और कितनी तैयारी की आवश्यकता है. इसी बात को ध्यान में रख कर अपने स्टडी प्लान को फाइनल करें. प्लान में ‘रीविजन’ का भी एक हिस्सा होना चाहिए, जिसे आप प्रत्येक दिन अभ्यास करेंगे.* पढ़ाई के घंटे गिनना बंद करें

    जब आपसे कोई पूछता है कि परीक्षा की तैयारी कैसी चल रही है, तो आप जवाब देते हैं कि मैं तो रोज इतने घंटे पढ़ता हूं. यह गलत रणनीति है. अपनी पढ़ाई के घंटे गिनना बंद कीजिये और उस दिन का एक निश्चित टास्क पूरा करने की रणनीति बनाइये. घंटे गिनने से आप स्वयं को संतुष्ट कर लेते हैं और आपकी तैयारी भी पूरी नहीं हो पाती.

    * पिछले तीन वर्ष के सैंपल प्रश्नपत्र निकालें

    अक्सर यह बात उन लोगों को कही जाती है, जो किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते हैं. लेकिन, मेरा मानना है कि इंटर की परीक्षा की अंतिम तैयारी में भी यह अवश्य करना चाहिए. एक बार ऐसा कर लेने से आपका आत्मविश्वास दोगुना हो जायेगा. यकीन नहीं तो करके देख लीजिये.

    * अगले 20 से 25 दिन के लिए सोशल मीडिया को कहें गुड-बाय

    एक अनुमान के अनुसार, गत पांच वर्षों में युवाओं का 69 प्रतिशत समय पर केवल सोशल मीडिया का कब्जा रहा है. यह प्रतिशत 24 घंटे में केवल 16 घंटे के आधार पर निकाला गया है, क्योंकि आठ घंटे सोने के लिए अलग कर दिया गया है. आप सोच सकते हैं कि आपका कितना कीमती समय सोशल मीडिया की भेंट चढ़ रहा है और आपको पता भी नहीं चलता. बेहतर है कि आप अगले 20 से 25 दिन इसे ‘गुड बाय’ कह दें. बहुत जरूरी हो तो 24 घंटे में अधिकतम 10 मिनट का समय तय कर लें और फिर अगले 24 घंटे के लिए इससे बाहर निकल जायें.

* अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दें

अक्सर हम रात को जाग कर पढ़ाई करने की रणनीति को बेहतर मानते हुए खुद की पीठ थपथपाते रहते हैं कि हमने आज रात भर पढ़ाई की. यह आपके स्वास्थ्य को धीरे-धीरे प्रभावित कर सकता है और शारीरिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति कभी भी मानसिक श्रम पूरी ईमानदारी से नहीं कर और खान-पान का विशेष ध्यान रखें. अपने खाने में हरी सब्जी को अवश्य शामिल करें और फैट से भरी चीजों से अगले कुछ समय के लिए परहेज करें.

* अपनी ‘मजबूत पक्ष’ और ‘कमजोर पक्ष’ पर मंथन करें

हर छात्र के कुछ ‘मजबूत पक्ष’ और कुछ ‘कमजोर पक्ष’ होते हैं. कुछ छात्रों की राइटिंग स्किल बेहतर होती है, तो कुछ लोग न्यूमेरिकल्स बेहतर कर पाते हैं. आप थोड़ा मंथन कर यह आसानी से जान सकते हैं कि आपमें खास क्या है. अब हमें अपनी ‘कमजोरी को ठीक करने के लिए सार्थक प्रयास करना है. अपनी कमजोरी को लेकर अपने अभिभावक या शिक्षक से खुल कर डिस्कस करें. आपको अपने सामने समाधान खड़ा नजर आयेगा.
शंका के समाधान का समय यही है

जिस प्रकार जब हम कहीं बाहर जाने की तैयारी करने के समय जब अपने सामान मिलाते हैं, तो हमें पता चलता है कि अमुक सामान छूट गया है, उसी प्रकार परीक्षा की अंतिम तैयारी करते समय अपनी शंकाओं की सूची को बेहद महत्व दें. शंका के समाधान मिलने से घुमावदार प्रश्न भी आप हल करने की क्षमता प्राप्त कर लेंगे.

डर के आगे जीत 

अक्सर कई छात्र परीक्षा के नाम पर डर जाते हैं, जिसे ‘एग्जाम फोबिया’ कहते हैं. जब आप डर रहे होते हैं, तो आपका मन विचलित और अशांत हो जाता है, और फिर आप अपनी सामान्य क्षमता वाला काम भी ठीक से नहीं कर पाते. परीक्षा हॉल में प्रश्नपत्र मिलने के बाद आंखें बंद कर लंबी सांस अंदर खींचें और छोड़ें. ऐसा 4-5 बार करें और फिर प्रश्नपत्र पर नजर डालें. आप देखेंगे कि आपके अंदर किसी नयी ऊर्जा का संचार हो गया है और आपका डर हवा हो गया है.

* टाइम मैनेजमेंट भी है जरूरी

और अंत में, एक बात का विशेष ध्यान करें. समय सीमा के भीतर अपने काम को पूरा कर उसे रीविजन करने के लिए आवश्यक है कि आपका टाइम मैनेजमेंट दुरुस्त हो. अपने तीन घंटे की परीक्षा में प्रारंभ के 10 मिनट प्रश्नपत्र पढ़ने और यह तय करने के लिए कि किस प्रश्न का उत्तर पहले दिया जाये और प्रश्न हल कर लेने के बाद कम से कम 20 मिनट सभी उत्तरों को कम से कम दो बार मिलान करने के लिए अवश्य रखें.
अपने टाइम मैनेजमेंट को ठीक करने का सबसे कारगर तरीका है कि पिछले वर्ष के प्रश्नपत्रों को समय सीमा में हल करें. टाइम मैनेजमेंट का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप इस बात की शिकायत नहीं कर पायेंगे कि अमुक प्रश्न को हल करने का मुझे समय नहीं मिला.

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