सेन्ट्रल डेस्क , ज्योति: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी फ्रंट फुट पर खेलते दिख रहे हैं। किसानों की कर्ज माफी के बाद राहुल ने आगामी चुनाव का एजेंडा तय करते हुए एक और बड़ा वादा किया है। राहुल ने कहा कि अगर 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सत्ता में आती है तो देश के हर गरीब को न्यूनतम आय दी जाएगी।
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उन्होंने आगे कहा कि ऐसा दुनिया में कहीं पर नहीं है। कांग्रेस की कर्ज माफी के वादे का अंतरिम बजट में जवाब देने की तैयारी कर रही मोदी सरकार के लिए राहुल का यह नया दांव एक और सियासी चुनौती होगा। राजनीतिक विमर्श को मुद्दों पर फोकस करने की रणनीति के तहत राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ में गरीबों के लिए न्यूनतम आय गारंटी योजना लाने का यह एलान किया।
गारंटी की बात कर कांग्रेस अध्यक्ष ने छत्तीसगढ़ में जिस मुद्दे को उठाया है, उसे अधिकांश जनता की दुखती रग कह सकते हैं। भारत जैसे देश में ऐसे लोगों की बहुलता है जो असंगठित रोजगार की मार झेल रहे हैं। ऐसे में राहुल गांधी ने ‘न्यूनतम रोजगार गारंटी’ की बात कर उस एक जमात को साधने की कोशिश की है, जो दिन भर काम करने के बाद शाम के समय खुद को ठगा महसूस करता है। यहां गौर करने वाली बात ये है कि कांग्रेस की सरकार ने ही मनरेगा की शुरुआत की, जिसे गांव-देहात के लिए क्रांतिकारी योजना माना जाता है।
मोदी पर पलटवार
मोदी सरकार ने अगड़ी जाति के गरीबों को 10 फीसद आरक्षण का बड़ा दांव खेल पूरे विपक्ष को चौंका दिया था। इसके बाद शह-मात के इस खेल में राहुल ने प्रियंका गांधी वाड्रा को पूर्वी उत्तर प्रदेश का कांग्रेस महासचिव बनाते हुए राजनीति में उतारने का अचानक एलान कर भाजपा के साथ-साथ सपा-बसपा को भी हतप्रभ कर दिया। अब जब रोजगार के मोर्चे पर चुनौतियों को देखते हुए अंतरिम बजट में युवाओं को साधे जाने की सरकार की तैयारियों की चर्चाएं हैं, तब राहुल गांधी ने न्यूनतम आमदनी गारंटी का बड़ा वादा कर चुनावी एजेंडा तय करने में पीछे नहीं रहने के इरादे साफ कर दिए हैं। यूपीए-दो में शिक्षा का अधिकार कानून भी इसी तर्ज पर बना।