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शनि की पूजा करते समय याद रखने योग्य पांच एहम बातें

सेंट्रल डेस्क, फलक इक़बाल :- जैसा के हम सब जानते हैं कि हर शनिवार को शनिदेव की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस पूजा और व्रत से शनि प्रसन्‍न होते हैं और जीवन से सारे संकट दूर कर देते हैं। इस पूजा के दौरान इन पांच बातों का ध्‍यान रखना बेहद ज़रूरी है।

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जाने कैसे करें शनि की पूजा
सबसे पहले स्‍नान आदि से शुद्ध हो जाएं और फिर मंत्र में शनि देव का स्‍मरण करें । इसके साथ-साथ शनि मंदिर में ही शनि देव की पूजा करें। शनि की पूजा के लिए जाप करते हुए शनि देव पर सरसों का तेल चढ़ायें। काले तिल भी अर्पित करें और भोग लगायें। इसके बाद पीपल के पेड़ पर दिया जलाते हुए उसकी परिक्रमा करें। शनि पूजा के बाद हनुमान जी की भी पूजा करंगे तो शनिदेव अवश्य प्रसन्‍न हो जाएंगे।
जानिए शनि व्रत करने के लाभ 
माना जाता है कि शनिवार को शनिदेव का व्रत करने से भी शनि ढैय्या और साढ़े साती का प्रकोप कम होता है। पर ये व्रत तभी करें जब आप पूरे नियमों का पालन कर सकें।  शनि देव जल्दी क्रोधित होने वाले देव मने जाते हैं। अत: उनको रुष्‍ट होने का मौका ना दें। शनि के व्रत में शुद्धता का अवश्य ध्यान रखें। शनि की कहानी सुनते रहें। तिल का तेल और काले उड़द की दाल अवश्य दान करें। क्षमता के अनुसार ब्राह्मणों को भोजन भी कराएं और लौह, वस्तु, धन आदि का दान अवश्य करें।इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि आप दिन में एक बार ही भोजन करें।
ध्यान रखने योग्य पांच एहम बातें 
1- घर पर शनिदेव की मूर्ति रखना मना है इसलिए मंदिर जाकर ही पूजा करें। यदि जाना मुमक़िन नहीं हो तो मन में ही स्‍मरण करके भी शनि की पूजा कर सकते हैं।
2- प्‍लास्‍टिक या अन्‍य किसी धातु के बर्तन से तेल चढ़ाने से बचें। सबसे अच्छा तरीका यह है कि शनि देव को लोहे के बर्तन में तेल लेकर उन पर चढ़ायें।
3- शनिदेव को तेल चढ़ाते वक्त उस तेल में अपना चेहरा देखें।
4- शनिदेव को तेल के साथ ही तिल, काली उदड़ या कोई काली वस्तु भी भेंट करें। शनिवार को पूजा के दौरान शनि मंत्र या फिर शनि चालीसा का जाप करें। इसके बाद हनुमान जी की पूजा करें।
5- शनिवार को पूजा के दौरान शनि मंत्र या फिर शनि चालीसा का भी जाप करें। इसके बाद हनुमान जी की पूजा भी अवश्ये करें।

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