बिहार की सियासत से जुड़ी एक बड़ी ख़बर निकलकर सामने आ रही है। उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का जेडीयू में विलय हो गया है। वहीं नीतीश कुमार ने उपेंद्र कुमार को जेडीयू के राष्ट्रीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है। वहीं कुशवाहा करीब आठ साल के लंबे वक्त के बाद फिर से पार्टी में लौटे हैं तो उन्हें बड़ा पद दिया गया है। विलय के बाद उपेन्द्र कुशवाहा को जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस मौके पर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह की गैर मौजूदगी सुर्खियों में रही।
दिल्ली में मौजूद नीतीश कुमार ने मंच से ही घोषणा की औऱ पत्र जारी किया। उपेन्द्र कुशवाहा के लिए जेडीयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष का पद तैयार किया गया है। इस दौरान जेडीयू में शामिल होते ही उपेन्द्र कुशवाहा ने पार्टी के लिए अपने कामों के बारे में भी गिनाना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि आज फिर से मैं अपने उसी घर में आया हूं, लोग पूछते हैं कि मैं किस शर्त पर आया हूं। मैंने साफ कर दिया है कि मैंने कोई शर्त नहीं रखी है, मुझे जो भी जिम्मेदारी मिलेगी मैं उसे निभाऊंगा। नीतीश कुमार को मजबूत करना है।
वहीं इसके अलावा सीएम नीतीश कुमार ने भी उपेन्द्र कुशवाहा की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि पिछले बहुत दिनों से बातचीत चल रही थी। उपेन्द्र कुशवाहा के साथ बड़ी संख्या में लोग हैं इसमें कोई शक नहीं। मुझे ख़ुशी हुई कि भाई उपेन्द्र अगर ऐसा सोच रहे हैं कि उनकी पार्टी को जेडीयू के साथ कर लें तो साथ काम करेंगे। ये विलय कोई मामूली बात नहीं बड़ी बात है। हम पहले भी एक थे और अब भी एक हैं, अब मिलकर देश के लिए काम करेंगे।