नबीला शगुफी की रिपोर्ट अजीब आदमी था वो मोहब्बतों का गीत था बगावतों का राग था कभी वो सिर्फ फूल था कभी वो सिर्फ आग था वो मुफलिसों से कहता था कि दिन भी बदल सकते हैं वो जाबिरों से कहता था तुम्हारे सिर पर सोने के जो ताज हैं …
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