मोदी को रोकने के लिए विपक्षियों के कई दांव-पेंच लगाए। लेकिन एनडीए की इस विराट जीत ने विपक्षियों को तोड़ दिए 5 सपने।
1. अमेठी सीट –
1980 से चले आ रहे अमेठी की विरासत को स्मृति ईरानी ने तोड़ दिया। राहुल गांधी तीन बार यहाँ से चुनाव जीत चुके है लेकिन इस बार उनको 2014 लोकसभा चुनाव के प्रतिदंद्वी स्मृति ईरानी से हार का समाना करना पड़ा। कांग्रेस के लिए सबसे दुखदायी कहा जा सकता है।
2. सपा- बसपा महागठबंधन –
मोदी को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश में सपा- बसपा ने महागठबंधन किया। लेकिन मोदी लहर में महागठबंधन पूरी तरह से फेल हो गया। आलम यहां तक रहा कि सपा उम्मीदवार और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को कन्नौज सीट से हार का सामना करना पड़ा।
3. राजद की टूटी कमर –
मोदी की लहर का सबसे ज्यादा बुरा हाल राजद को हुआ। जहां पार्टी एक भी सीट जितने में कामयाब नहीं हो सके। 2019 में राजद के तरफ से नेतृत्व कर रहे तेजस्वी प्रसाद यादव पूरी तरफ से विफल रहे। एनडीए को एकतरफ़ा जीत हुए। विपक्ष के हाथ सिर्फ एक सीट जोकि कांग्रेस जितने में कामयाब रही।
4 . बंगाल में नहीं चल पाया दीदी का जलवा –
चुनाव से पहले बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और प्रधानमंत्री मोदी बीच जुबानी जंग देखने को मिला। चुनाव के दौरान बंगाल के कुछ इलाकों में छिटपुट घटना भी हुआ था इसके वाबजूद कल्पना नहीं किया जा रहा था कि बंगाल में बीजेपी की प्रदर्शन इतना जबरदस्त होगा कि ममता बनर्जी जैसी नेता के दांत खट्टे हो जायेंगे।
5. चंद्रबाबू नायडू की छिन गयी सत्ता –
एनडीए से अलग होने के बाद आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू की सत्ता मोदी लहर में बिखरती दिखाई दे रही है। एक तो आंध्र की सत्ता हाथ से गयी तो दूसरी ओर केंद्र में किंग मेकर बनने की चाहत भी अधूरी रह गयी। कुछ दिनों से चंद्रबाबू नायडू अपने राज्य को छोड़ केंद्र की राजनीति पर नज़र गड़ाये हुए थे।