सेन्ट्रल डेस्क , अमित दत्त – लगातार भष्टाचार के मामले में फंसी वीडियोकॉन ग्रुप की मुशिकले कम होने का नाम ही नहीं ले रही है , खुद को इन चौतरफा घिरते देख वीडियोकॉन ग्रप द्वारा नेशनल कंपनी लॉ टिब्यूनल (एनसीएलटी) में गुहार लगाई है।इन्सॉल्वेंसी एंड बैंक्रप्सी कोड (आइबीसी) के इतिहास में अपनी तरह का पहला मामला आया है। वीडियोकॉन ग्रुप की 14 इकाइयों के कर्जदाताओं और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज तथा वीडियोकॉन टेलीकम्यूनिकेशंस के रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल्स (आरपी) ने नेशनल कंपनी लॉ टिब्यूनल (एनसीएलटी) में गुहार लगाई है कि सभी इकाइयों को मिलाकर वीडियोकॉन ग्रुप पर एक इकाई के तौर पर दिवालिया मामला चलना चाहिए।
आवेदकों का कहना है कि जब ग्रुप की सभी इकाइयों के कारोबार एक जैसे हैं, उन पर कर्ज के मामले और कर्जदाता भी समान हैं, तो उनके दिवालिया मामलों को मिलाकर एक वित्तीय इकाई जैसा व्यवहार करना चाहिए। आवेदकों ने इसके लिए वैश्विक स्तर के कुछ उदाहरण भी दिए। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से संपत्तियों का मूल्यांकन भी ठीक से होगा और कर्जदाताओं समेत सभी शेयरधारकों को फायदा होगा।
हालांकि सुनवाई के दौरान ग्रुप की एक कंपनी ट्रेंड इलेक्ट्रॉनिक्स के वकील ने इस तरह के आवेदन का विरोध करते हुए कहा कि कंपनी शेयर बाजारों में सूचीबद्ध है, लिहाजा उस पर अलग से ही इन्सॉल्वेंसी मामला चलना चाहिए।