विश्व के साथ आज पूरे भारतीयों में भी कैंसर रोग तेजी से बढ़ रहा है। इस रोग से महिलाएं भी अछूती नहीं है। बता दें कि महिलाओं में सबसे अधिक होने वाले कैंसरों में पहले पायदान पर ब्रेस्ट कैंसर, दूसरे पर सर्वाइकल कैंसर और तीसरे नंबर पर ओवेरियन यानी यूटेरस कैंसर आता है।
आंकड़ों के अनुसार महिलाओं में जितने भी तरह के कैंसर होते हैं, उनमें डिंबग्रंथि या ओवेरियन कैंसर आठवां सबसे आम कैंसर है। और मृत्यु दर के मामले में इसका स्थान पांचवां है। तो चलिए जानते हैं क्या है ओवेरियन कैंसर?
आपको बता दें कि ओवेरियन यानी यूटेरस कैंसर में यूटेरस कैंसर में ओवरी में छोटे-छोटे सिस्ट बन जाती हैं।गर्भधारण में यूटेरस कैंसर होने पर समस्या होने की आशंका बढ़ जाती है। वहीं ओवरियरन कैंसर में गर्भाशय और ट्यूब्स डैमेज होने लगती हैं।
डिंबग्रंथि कैंसर का मतलब है अंडाशय में किसी भी तरह के कैंसर का विकास डिंबग्रंथि का कैंसर अधिकांशत: अंडाशय की बाहरी परत से पैदा होता है। बता दें कि सबसे आम तरह के डिंबग्रंथि कैंसर को एपिथेलियल ओवेरियन कैंसर कहा जाता है। इसके अन्य प्रकार हैं- ओवेरियन लो मैलिगनेंट पोटेंशियल ट्यूमर, जर्म सेल ट्यूमर और सेक्स कॉर्ड-स्ट्रोमल ट्यूमर।
ओवेरियन कैंसर से होने वाले लक्षण… पैल्विस या कमर में दर्द
शरीर के निचले हिस्से में दर्द
पेट और पीठ में दर्द
अपच होना
कम खाकर ही अधिक पेट भरा होने की फीलिंग
बार-बार यूरिन आना।
यौन क्रिया के दौरान दर्द
मल त्याग की आदतों में बदलाव।
बता दें की जरुर नहीं है कि यह लक्षण दिखें तो वह ओवेरियन कैंसर ही हो। इसकी सत्यता के लिए टेस्ट करवाना आवश्यक है जिसके चलते सही बात निकल कर सामने आएं
इसके अलावा ओवेरियन कैंसर अनुवांशिक भी हो सकता है। यदि आपके परिवार में किसी को हो चुका है तो हो सकता है आप भी इसके शिकार हो सकते हैं
बता दें की ओवेरियन कैंसर होने की कोई उम्र नहीं होती है लेकिन जिन महिलाओं को मोनोपॉज हो चुका है उन्हें इस चीज का खतरा सबसे अधिक होता है। पोस्टमेनोपॉज़ल हार्मोन थेरेपी का उपयोग करने से जोखिम और बढ़ सकता है।
ओवेरियन कैंसर होने का एक बड़ा कारण मोटापा भी हो सकता है। अधिकतर मोटी महिलाएं इस खतरनाक बीमारी की चपेट में आकर सबसे ज्यादा मौत का शिकार होती है।
अगर किसी महिला को इसके लक्षण न दिखें तो इसका कोई सिंपल और विश्वसनीय तरीका नहीं है। हालांकि, नियमित रूप से स्त्री रोग संबंधी परीक्षा के दौरान डिम्बग्रंथि के कैंसर के स्क्रीनिंग के 2 तरीके हैं। पहला ब्लड टेस्ट के द्वारा और दूसरा ओवरी का अल्ट्रासाउंड …
इस कैंसर से निजात पाने के लिए कीमोथेरेपी या फिर ओवरी की सर्जरी करवानी आवश्यक है