योनि से थोडा सा गीलापन होना एक सामान्य बात है | यह योनि द्वारा अपने सफाई करने का एक प्राकृतिक तरीका है वही स्त्राव की मात्रा तथा प्रकार माहवारी चक्र के विभिन्न दिनों में अलग-अलग तरह का हो सकता है | यह स्त्राव प्रजनन काम के दौरान अधिक मात्रा में तथा पानी जैसा साफ व पतला हो जाता है |
बता दे की योनि से स्त्राव की मात्रा, रंग तथा गंध में परिवर्तन संक्रमण का संकेत हो सकता है लेकिन इससे संक्रमण के प्रकार का पता चलाना कठिन हो सकता है | आपको स्वास्थ्यकर्मी द्वारा परिक्षण करवा कर संक्रमण के प्रकार का पता करवाना चाहिए | ध्यान रहे कि कभी-कभी कैंसर जैसी किसी अन्य समस्या के कारण भी स्त्राव हो सकता है |
यदि आपको योनि से स्त्राव के साथ साथ पेडू में भी दर्द होता है तो आपको पी.आई.डी., जो कि एक गंभीर संक्रमण है, हो सकता है |
असामान्य योनि स्त्राव कई प्रकार के संक्रमणों के कारण हो सकता है | कुछ ऐसे ही संक्रमणों का उनके सबसे आम लक्षणों के साथ वर्णन कुछ इस प्रकार है….
यीस्ट
आम तौर पर यह यौ.सं.रोग नहीं होता है और न ही इससे कोई जटिलताएं होती हैं लेकिन इससे जनन अंगों में काफी परेशान करने वाली खुजली होती है बता दें कि यीस्ट संक्रमण होने की संभावना तब ज्यादा होती है जब आप गर्भवती हैं या फिर एंटीबायोटिक्स दवाईयों का सेवन कर रही हैं या मधुमेह अथवा एच.आई.वी./एड्स जैसी बीमारी से पीड़ित हैं |
लक्षण…
दही जैसा, सफेद दानों या धागों जैसा स्त्राव |
योनि के बाहर तथा अंदर की खाल चमकदार तथा लाल हो जाती है जिससे खून भी जा सकता है |
योनि के अंदर तथा बाहर खुजली होना |
पेशाब करते समय जलन महसूस होना |
डबलरोटी के बनाने जैसी दुर्गन्ध आना |
सहवास के दौरान दर्द होना |
जीवाणु-जनित योनि संक्रमण
यह यौ.सं.रोग नहीं है | यदि महिला गर्भवती हैं तो यह समय से पहले ही प्रसव प्रेरित कर सकता है |
सामान्य से अधिक योनि स्त्राव होना |
योनि से मछली की गंध आना विशेषकर सहवास के पश्चात तथा माहवारी के दौरान| योनि के आस-पास हल्की खुजली होना |
उपचार
दवाईयां केवल प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी की देखरेख में ही लेनी चाहिए