यूक्रेन पर रूस का हमला टालने के लिए संभवत आखिरी डिप्लोमैटिक कोशिश शुरू हो चुकी है। बता दे की अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन पहले यूक्रेन की राजधानी कीव जा रहे हैं। जहाँ वे जिनेवा का रुख करेंगे। और यहां रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव उनका इंतज़ार करेंगे वही दोनों नेता यूक्रेन के मसले पर बातचीत करेंगे। इससे पहले ब्रिटेन ने यूक्रेन को एंटी टैंक वेपन्स दे दिए हैं पश्चिमी देश रूस को हर कीमत पर यूक्रेन पर हमला करने से रोकना चाहते हैं।
इसी बीच यह खबर सामने आ रही की रूसी सैनिक अब बेलारूस भी पहुंच गए हैं।वही नाटो और अमेरिका को आशंका है कि इनका इस्तेमाल बेलारूस की जमीन से यूक्रेन पर हमले के लिए किया जाएगा। हालांकि, रूस ने इस मामले पर कुछ नहीं कहा है।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने रूस को यूक्रेन पर हमला करने से रोकने के लिए एक तरह से आखिरी डिप्लोमैटिक मिशन शुरू कर दिया है। ब्लिंकन यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंच चुके हैं। जहाँ वे प्रेसिडेंट वोलोदिमिर जेलेंस्की से मुलाकात करेंगे। इसके बाद गुरुवार को ब्लिंकन बर्लिन पहुंचेंगे। जहाँ वे जर्मन नेताओं से बातचीत कर शुक्रवार को ब्लिंकन जिनेवा में रूस के विदेश मंत्री लावरोव से मुलाकात करेंगे। खबरों के मुताबिक ब्लिंकन का रूस को सीधा पैगाम होगा कि यूक्रेन पर किसी तरह से हमला न किया जाए और फौरन तनाव कम किया जाए। और यह उसी सूरत में हो सकता है जब यूक्रेन के बॉर्डर से रूसी फौज बैरकों में वापस जाए।
ब्लिंकन के जिनेवा पहुंचने से पहले व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी जेन पास्की ने कहा- हमारे हिसाब से रूस किसी भी समय यूक्रेन पर हमला कर सकता है। और अमेरिका इस मामले को डिप्लोमैटिक तरीके से सुलझाना चाहता है। दूसरी ओर , रूस के एक सीनियर डिप्लोमैट ने ब्लिंकन-लावरोव की प्रस्तावित बातचीत को लेकर पहले ही नाउम्मीदी का इजहार करते हुए कहा की अब किसी तरह के समझौते की गुंजाइश नहीं बची है। मगर, यदि अमेरिका बातचीत ही करना चाहता है तो हम एक मौका और दे सकते हैं।
इसी बीच पुतिन सरकार ने अपने सैकड़ों सैनिक बेलारूस भेज दिए हैं। और आशंका जताई जा रही है कि रूस बजाए अपने बॉर्डर के, अब हमला बेलारूस के रास्ते कर सकता है। जिससे निपटने के लिए यूक्रेन भी तैयारियां कर रहा है। एक अमेरिकी अफसर के मुताबिक – रूसी सैनिकों के बेलारूस पहुंचने की टाइमिंग बहुत अहम है। वो उत्तरी सीमा से हमले की साजिश रच रहा है। हालांकि, रूस ने कहा है कि उसी सेनाएं मिलिट्री एक्सरसाइज के लिए बेलारूस पहुंची हैं। इन सैनिकों की संख्या 13 हजार बताई गई है।
बताया जा रहा है की रूस की हरकतों पर अमेरिका और नाटो बहुत पैनी नजर रख रहे हैं। जवाबी तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं। फिलहाल, अमेरिका के सहयोगी यूक्रेन की सहायता कर रहे हैं। वही ब्रिटेन ने यूक्रेन की मदद के लिए अहम फैसला किया और इस पर अमल भी शुरू कर दिया। ब्रिटेन ने रूसी टैंकों के मुकाबले के लिए अपने एंटी टैंक वेपन्स यूक्रेन भेजना शुरू कर दिए हैं। दूसरी और , कनाडा ने अपने सैनिकों की एक स्पेशल रेजीमेंट कीव भेज दी है