सेंट्रल डेस्क सिमरन गुप्ता:- दिल्ली की दमघोंटू होती हवा के बीच केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने सिफारिश की है कि संभव हो तो सरकारी और निजी दफ्तरों के कर्मियों को घर से काम करने की इजाजत दी जाए। वहीं, सड़क पर अकेले अपना वाहन निकालने की जगह कार पूलिंग और सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने की अपील भी दिल्ली-एनसीआर के लोगों से की गई है। इससे पहले सीपीसीबी ने शुक्रवार सुबह दिल्ली-एनसीआर के लिए गठित 49 कार्य समूहों (टास्क फोर्स) के साथ बैठक की। इसमें दिल्ली के साथ गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, मेरठ व रोहतक की एजेंसियां शामिल हुईं। इस दौरान बताया गया कि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू होने के बाद से 689 शियतें दर्ज की गईं हैं।
मौजूदा हालात पर चर्चा के साथ दिवाली के नजदीक बढ़ने वाले प्रदूषण को सीमित करने की रणनीति भी तैयार की गई। विशेषज्ञों ने बताया कि बदलती मौसमी दशाओं व पराली के बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली-एनसीआर की हवा आने वाले दिनों में खराब होनी है। इसके लिए ग्रेप के तहत उठाए जाने वाले कदमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराना है।
यह करें उपाय
सीपीसीबी ने सिफारिश की है कि निजी व सरकारी दफ्तरों को एडवायजरी जारी की जाए कि संभव होने पर वह अपने स्टाफ को घर से काम करने की इजाजत दें। वहीं कार पूलिंग व सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल को भी बढ़ावा दिया जाए। सभी निजी व सरकारी स्कूलों को सलाह है कि अपने बच्चों को ट्रांसपोर्ट सुविधा मुहैया कराएं, जिससे अभिभावकों को अपना वाहन न निकालना पड़े। सीपीसीबी के सदस्य सचिव प्रशांत भार्गव ने बताया कि तीनों सिफारिशें परामर्श देने वाली हैं, लेकिन इसका पालन करने से वायु प्रदूषण को नियंत्रित रखने में बड़ी मदद मिलेगी।
15-15 दिन का पूर्वानुमान
दिल्ली-एनसीआर के वायु प्रदूषण से निपटने को कारगर रणनीति तैयार करने के लिए सीपीसीबी अब 15-15 दिन का पूर्वानुमान सभी संबंधित एजेंसियों को जारी कर रहा है। इसकी वजह यह है कि अमूमन मौसमी दशाएं 15 दिन तक स्थिर रहती हैं। इससे सभी एजेंसियों को पता चल जाएगा कि किस इलाके में किस वजह से प्रदूषण के बिगड़ने का अंदेशा है। इससे पहले ही सतर्कता बरती जा सकेगी।
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