पुडुचेरी से बड़ी खबर है। पुडुचेरी में कांग्रेस पार्टी की सरकार गिर गई है। पुडुचेरी के CM नारायाणसामी के भाषण के बाद स्पीकर ने सदन में कहा कि मौजूदा सरकार बहुमत खो चुकी है।
जिसके बाद नारायाणसामी ने प्रभारी LG तमिलिसाई सौंदर्यराजन को इस्तीफा सौंप दिया। जिसके बाद उन्होंने प्रभारी LG तमिलिसाई सौंदर्यराजन को इस्तीफा सौंप दिया।
गवर्नर हाउस से निकलकर नारायणस्वामी ने मीडिया से कहा स्पीकर ने हमारी मांग को ठुकरा दिया ( BJP के 3 नॉमिनेटेड MLAs को वोट न करने देने की मांग), जिसके चलते हमने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया और मैंने अपने मंत्रिमंडल के साथ इस्तीफा दे दिया है।
इससे पहले विधानसभा में विश्वास मत से पहले बोलते हुए नारायाणसामी ने कहा कि हमने द्रमुक और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई। उसके बाद, हमने विभिन्न चुनावों का सामना किया। हमने सभी उपचुनाव जीते हैं। यह स्पष्ट है कि पुडुचेरी के लोग हम पर भरोसा करते हैं।
उन्होंने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि पूर्व एलजी किरण बेदी और केंद्र सरकार ने विपक्ष के साथ मिलकर सरकार को गिराने की कोशिश की। हमारे विधायक संगठित रहे, जिस वजह से हमने पांच साल निकाल दिए। केंद्र सरकार ने Puducherry के लोगों के साथ धोखा किया है, उन्होंने हमारे द्वारा अनुरोधित धनराशि नहीं दी।
तमिलनाडु और पुदुचेरी में, हम दो भाषा प्रणाली का पालन करते हैं लेकिन भाजपा हिंदी को लागू करने के लिए जबरन कोशिश कर रही है। उन्होंने इस्तीफा देने वाले विधायकों पर हमला बोलते हुए कहा कि विधायकों को पार्टी के प्रति वफादार रहना चाहिए। इस्तीफा देने वाले विधायक लोगों का सामना नहीं कर पाएंगे क्योंकि लोग उन्हें अवसरवादी कहेंगे।
कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन के दो और विधायकों ने कल दिया था इस्तीफा
पुडुचेरी में कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन के दो और विधायकों ने रविवार को इस्तीफा दे दिया था, जो विधानसभा में बहुमत साबित करने से पहले मुख्यमंत्री वी.नारायणसामी के लिए बड़ा झटका था।
कांग्रेस के विधायक के.लक्ष्मीनारायणन और द्रमुक के विधायक वेंकटेशन के इस्तीफा देने के बाद 33 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन के विधायकों की संख्या घटकर 11 हो गई है, जबकि विपक्षी दलों के 14 विधायक हैं। लक्ष्मीनारायणन और वेंकटेशन ने विधानसभा अध्यक्ष वी.पी. शिवकोलुंधु को उनके आवास पर अपना इस्तीफा सौंपा।
इसके बाद लक्ष्मीनारायणन ने पत्रकारों से कहा, “नारायणसामी नीत सरकार ने बहुमत खो दिया है।” लक्ष्मीनारायणन ने कहा कि उन्होंने पार्टी की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। वेंकटेशन ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने केवल विधायक पद से इस्तीफा दिया है और वह द्रमुक का हिस्सा बने रहेंगे।
उन्होंने कहा, “मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र में अपने लोगों की जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहा था, क्योंकि विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास निधि के तहत धन का आवंटन नहीं किया गया है।” पूर्व मंत्री ए नमसिवायम (अब भाजपा में) और मल्लाडी कृष्ण राव समेत कांग्रेस के चार विधायकों ने इससे पहले इस्तीफा दिया था, जबकि पार्टी के एक अन्य विधायक को अयोग्य ठहराया गया था। नारायसामी के करीबी ए.जॉन कुमार ने भी इस सप्ताह इस्तीफा दे दिया था।
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