सेंट्रल डेस्क प्राची जैन:- चेन्नई की एक महिला ने अपने बयान देते हुए बताया कि आरटीओ अधिकारी ने कथित तौर पर उससे कहा कि वह ड्राइविंग लाइसेंस लेने के लिए ढंग के कपड़े पहनकर आए। सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करने वाली महिला का कहना है कि जब वह ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आरटीओ दफ्तर पहुंची तो उसने जींस और स्लीवलेस टॉप पहना था।
महिला ने बताया कि वह ड्राइविंग टेस्ट के लिए केके नगर के दफ्तर गई थीं। एक अधिकारी ने कथित तौर पर उससे कहा कि वह घर जाएं और ढंग के कपड़े पहनकर आओ। आरटीओ अधिकारी ने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने वाला दफ्तर एक सरकारी कार्यालय है और इसमें क्या गलत है यदि यहां आने वाले लोगों को ढंग के कपड़े पहनने के लिए कहा जाए जिन्हें पहनकर वह अपने दफ्तर जाते हैं।
अधिकारी ने कहा कि समाज के विभिन्न वर्गों के विभिन्न प्रकार के लोग परिवहन कार्यालयों में आते हैं और इसे लोगों को ध्यान में रखना चाहिए। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा, “लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों के लिए बेशक कोई ड्रेस कोड नहीं है लेकिन पुरुषों और महिलाओं को ढंग के कपड़े पहनकर आना चाहिए।”
इससे पहले एक और महिला कैपरी और शर्ट पहनकर ड्राइविंग टेस्ट के लिए पहुंची थी जिसे आरटीओ से वापस भेज दिया गया। उससे कहा गया कि घर जाओ और ढंग के कपड़े पहनकर आओ। महिला घर गई और सलवार-सूट पहनकर वापस आई। उसके बाद ही महिला को ड्राइविंग टेस्ट की अनुमति दी गई।
ड्राइविंग टेस्ट देने वाले लोगों ने बताया कि यह ड्रेस कोड यहां सिर्फ महिलाओं पर ही नहीं थोपा जा रहा है। बल्कि जो पुरुष लुंगी या शॉर्ट पहनकर टेस्ट देने आते हैं उन्हें भी वापस लौटा दिया जाता है। जब तक वो उनके बताए ड्रेस पहनकर नहीं आते उन्हें ड्राइविंग टेस्ट में शामिल नहीं होने दिया जाता।
https://www.youtube.com/watch?v=bKhRiPGZf-Y&t=5s