कर्म के दौरान श्रद्धांजलि सभा और शांति भोज जैसे कार्यक्रमों में भी लोग सामाजिक मर्यादा को भूल सकते हैं, उस समय जब पुरे देश में भयावह स्थिति है
बिहार में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए नीतीश सरकार ने 5 मई से लॉकडाउन लगाया है। इसका असर भी देखने को मिलने लगा है। लॉकडाउन के बाद से राज्य में संक्रमण की रफ्तार में कुछ कमी देखी गई है।
इस बीच बिहार से आती खबरें शर्मसार कर रही हैं। एक ओर जहां सम्पूर्ण भारत की जनता अपने स्तर कपार इस कोरोना महामारी से लड़ने में स्थानीय प्रशासन का साथ दे रहा है वहीं कुछ लोग मर्यादा और नैतिकता को रसातल में ले जाने की ठान बैठे हैं।
हुआ यूँ कि बिहार के औरंगाबाद ज़िले में श्राद्ध कर्म के दौरान श्रद्धांजलि सभा के दौरान अश्लील गानों पर बार बालाओं का डांस करवाया गया।
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एक और जहां ऐसे समय में प्रार्थना सभाएँ और शांति भोज जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं लेकिन कुछ लोग में भी लोग सामाजिक मर्यादा को भूल अश्लील गानों पर बार बालाओं का डांस का मज़ा ले रहे हैं। वह भी तब, जब पूरे देश में संक्रामक महामारी से भयावह स्थिति है।
औरंगाबाद से आती ये खबर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें एक श्राद्ध कार्यक्रम के दौरान सामाजिक संस्कृति व परंपरा का मखौल उड़ाया गया। लोग बार बालाओं के साथ अश्लील गानों पर ठुमके लगाते नजर आ रहे हैं। शर्मनाक यह है कि मुखिया प्रत्याशी सुबेदार पासवान मौजूदगी में होता रहा। जिसे देखकर कहा जा सकता है कि अभी भी कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें ना तो सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन की फिक्र है और ना ही इस जानलेवा वायरस का डर। साथ ही इनके लिए हर घटना राजनैतिक रोटियाँ सेंकने का मौक़ा है।
जनता को ऐसे प्रतिनिधियों को पहचानना चाहिए और विचार करना चाहिए कि यदि ये बिना अधिकारों के मानवीय व सामाजिक मूल्यों की तरफ़ ऐसा भद्दा रवैया रखते है तो किसी पद पर आसीन होने के बाद क्या उस पद व जनता के न्याय कर पाएँगे?