संसद के मॉनसून सत्र पर अब कोरोना के काले बादल घिरने लगे हैं। संसद में कई सांसदों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद से ना सिर्फ हड़कंप मचा है बल्कि अब संसद के मानसून सत्र में कटौती की संभावना काफी बढ़ चुकी है। सूत्रों से मिल रही खबर के मुताबिक ज्यादातर पार्टियों के नेताओं ने सत्र को निर्धारित वक्त से पहले ही खत्म किए जाने की पैरवी की है।
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दरअसल कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में सदन में अलग-अलग पार्टियों के नेता और सरकार के प्रतिनिधि हिस्सा लेते हैं। लोकसभा अध्यक्ष समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हैं। संसद का मॉनसून सत्र 14 सितंबर से शुरू हुआ है और इसकी अवधि 1 अक्टूबर तक रखी गई है। लेकिन कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव की वजह से अब ये संभव नहीं लग रहा है। माना जा रहा है कि अगले हफ्ते के बीच तक मॉनसून सत्र का समापन किया जा सकता है।
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दरअसल सत्र के दौरान भी संसद के कुछ सदस्य कोरोना वायरस से संक्रमित मिले हैं। इसके अलावा मंत्रियों में गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, समेत कम से कम सात केंद्रीय मंत्री अब तक कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। वहीं विपक्ष काफी पहले से कोरोना संक्रमण को लेकर सत्र पर सवाल उठाता रहा है। विपक्ष की तरफ से कहा गया है कि 18 दिनों का सत्र खासा जोखिम भरा साबित हो सकता है। सूत्रों से मिल रही खबर के मुताबिक अब सरकार ने भी इस मु्द्दे को लेकर मंथन शुरू कर दिया है औऱ जल्द ही इस पर कोई फैसला लिया जा सकता है। दरअसल देश में अब तक 53 लाख से ज्यादा लोग कोरोना की जद में आ चुके हैं। और 85 हजार से ज्यादा मौत हो चुकी हैं। हालांकि राहत की बात ये हैं कि देश का रिकवरी रेट खासा ऊंचा दिखाई दे रहा है।
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