वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस ने कर्ज माफी के नाम पर किसानों का वोट लिया और उन्हें गुमराह किया। उन्होंने 2021-22 के बजट पर लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब देते समय कांग्रेस और राहुल गांधी पर जमकर हमला बोला।
उन्होंने कहा-‘कांग्रेस क्यों पहले कृषि कानूनों का समर्थन करती थी और अब बदल गई। किसानों को इतना ज्ञान देने वाली कांग्रेस बहुत से राज्यों में चुनाव जीतने के लिए कहती थी कि हम कृषि लोन देंगे लेकिन मध्य प्रदेश में यह लागू नहीं हुआ। कांग्रेस ने वोट लिया और किसानों को गुमराह किया।’
वित्त मंत्री ने कहा-‘ कांग्रेस ने राजस्थान, मंध्य प्रदेश और छतीसगढ़ में कर्ज माफी नहीं किया। उम्मीद थी कि कांग्रेस ने इस पर बयान देगी लेकिन नहीं दिया। उम्मीद थी कि कांग्रेस पराली के विषय पर पंजाब में कांग्रेस सरकार द्वारा किसानों को कुछ राहत दिलाएगी मगर ये भी नहीं किया।’
वहीं लोकसभा में राहुल गांधी के बयान पर निर्मला सीतारमण ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा- उम्मीद थी की हमारे तीन कानूनों में से कम से कम एक बिंदु निकालकर वे बोलें कि इसकी वजह से किसानों को नुकसान होगा मगर यह भी नहीं हुआ। कांग्रेस बोल सकती थी कि हम दो हमारे दो में दामाद को आदेश देकर आए हैं कि जमीन वापस करो लेकिन वह भी नहीं किया।
यह गरीबों, किसानों का बजट है
सीतारमण ने कांग्रेस का नाम लिये बिना कहा, ‘‘हमारे मित्र (क्रोनीज) दामाद नहीं हैं। ऐसे लोग उस पार्टी की आड़ में छिपे हैं जिसे जनता ने अस्वीकार कर दिया है।’’ उन्होंने कहा कि यह गरीबों, किसानों का बजट है।
उल्लेखनीय है कि बजट चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर दो-तीन उद्योगपतियों मित्रों के हितों को लाभ पहुंचाने के लिए काम करने का आरोप लगाया था।
उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालयों का निर्माण, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना आदि का उल्लेख करते हुए कहा कि इन सभी के तहत आम जनता को, गरीबों को लाभान्वित किया गया है न किसी किसी सांठगांठ वाले पूंजीपति को।
झूठे आरोप लगाने के बजाय योजनाओं का अध्ययन करके आना चाहिए
सीतारमण ने नसीहत दी कि केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर झूठे आरोप लगाने के बजाय विपक्षी दलों को इन सभी योजनाओं का अध्ययन करके आना चाहिए। बजट पर चर्चा के दौरान विभिन्न विपक्षी सदस्यों के एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) को समर्थन नहीं देने के आरोपों को खारिज करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने लॉकडाउन के दौरान भी अपनी घोषणाओं में स्पष्ट किया था कि संकटग्रस्त एमएसएमई क्षेत्र को दो स्तर पर सहयोग दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि एक तो किसी उद्यम को कर्ज आदि के मामले में अदालतों में नहीं खींचा जाएगा और इसके लिए समयसीमा को भी बढ़ाया गया, वहीं आर्थिक मदद भी दी गयी।
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