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जॉर्जिया का जिक्र : पीएम मोदी की बड़ी कूटनीतिक चाल

PM मोदी की कूटनीति की पूरी दुनिया ऐसे ही क़ायल नहीं है। क्या! कुछ समझ नहीं आया?

याद कीजिए कोंग्रेस के शासन काल में चीनी गतिरोध की बात सुनकर ही भारतीय राजनीति में हलचल दौड़ जाया कर्ती थी। चीन के बढ़ते कारोबार को पूरी दुनिया के लिए मिसाल माना। वहीं अब भारत चीन को हर क्षेत्र में पटखनी देने को तैयार है।

नया मामला ऐसा हाई कि अभी हाल ही में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर जॉर्जिया की दो दिवसीय यात्रा पर गए हुए थे। यह किसी भारतीय विदेश मंत्री की स्वतंत्र जॉर्जिया की पहली यात्रा थी। आपको पता रहे कि जॉर्जिया तुर्की के साथ अपनी सीमाएँ साँझ करता है।भारत द्वारा लिए गए अभी हाल के कदमों को तुर्की की पाकिस्तान और चीन को समर्थन के जवाब में देखजा रहा है।

इस यात्रा से ना केवल तुर्की बल्कि चीन भी परेशान ही है।

अपनी इस यात्रा में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 17वीं सदी की शाही महारानी केटेवान के अवशेष जॉर्जियाई सरकार को सौंपे थे। असार हैं कि यह पहल दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को नए स्तर  पर लेकर जाएगी।

इतना ही नहीं विदेश मंत्री ने जॉर्जिया के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री David Zalkaliani  के साथ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया था। महात्मा गांधी की यह प्रतिमा वहां के प्रमुख त्बिलिसी पार्क में लगाई गई है।

भारत के विदेशी मंत्री द्वारा की गई यह शानदार पहल उनके जॉर्जिया दौरे तक सीमित नहीं रही, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस सिलसिले को आगे जारी रखा है। रविवार यानी कल पीएम मोदी ने मन की बात में भारत और जॉर्जिया का एक साथ कई बार नाम लिया। मोदी ने जॉर्जिया (Georgia) का दर्जनों बार नाम लिया और भारत का उसके साथ संबंधों का जिक्र किया है।

पीएम मोदी ने मन की बात में कहा, एक समारोह में भारत ने सेंट क्वीन केटेवान (Saint Queen Ketevan) के होली रेलिक (Holy Relic) यानी उनके पवित्र स्मृति चिन्ह सरकार और वहां की जनता को सौंपा, इसके लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर स्वयं वहां गए थे। इस समारोह में जॉर्जिया के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कई धर्म गुरु और बड़ी संख्या में जॉर्जिया के लोग उपस्थित थे। इस समारोह ने दोनों देशों के साथ ही गोवा और जॉर्जिया के बीच के संबंधों को भी और प्रगाढ़ कर दिया है।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि यह विषय जॉर्जिया के लोगों के लिए बहुत ही भावनात्मक है। इसीलिए उनके ऐतिहासिक, धार्मिक और आत्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने इन अवशेषों का एक अंश जॉर्जिया के लोगों को भेंट में देने का निर्णय लिया। पीएम मोदी ने जॉर्जिया के साथ सिंगापुर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस महीने की शुरुआत में सिंगापुर के साथ भी गौरवशाली अवसर सामने आया है।

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दरअसल, आज से आज से चार सौ-पांच सौ साल पहले की बात है। क्वीन केटेवान जॉर्जिया के राजपरिवार की बेटी थीं। दस साल के कारावास के बाद 1624 में वो शहीद हो गई थीं। एक प्राचीन पुर्तगाली दस्तावेज के मुताबिक सेंट क्वीन केटेवान की अस्थियों को पुराने गोवा के संत ऑगस्टिन चर्च में रखा गया था। लंबे समय तक यह माना जाता रहा कि गोवा में दफनाए गए उनके अवशेष 1930 के भूकंप में गायब हो गए थे।  भारत सरकार और जॉर्जिया के इतिहासकारों और जॉर्जियन चर्च के दशकों के अथक प्रयासों के बाद 2005 में उन पवित्र अवशेषों को खोजने में सफलता मिली थी।

पीएम मोदी ने जॉर्जिया का ज़िक्र मन की बात में करते हुए उसके पड़ोसी देश तुर्की को भी संदेश दिया है। बता दें की जॉर्जिया और तुर्की एक दूसरे से सीमा साझा करते है। वहीं, तुर्की अपनी सीमा अर्मेनिया से भी साझा करता था, भारत तुर्की के पड़ोसी देशों की माध्यम से उसे घेरने की कवायद कर रहा है।

आपको बता दें कि अभी तक तुर्की का पक्ष भारत विरोधी अथवा पाकिस्तान के समर्थन में रहा है। ऐसे में भारत और तुर्की के रिश्ते में खट्टास आना लाजिमी था, इसलिए भारत के प्रधानमंत्री ने कूटनीतिक तरीके से तुर्की के पड़ोसियों से मित्रता का हाथ आगे बढ़ाकर, इस्लामिक देश को परेशानी में डाल दिया है।

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