मुंबई की एक अदालत ने नौसेना कर्मचारी के केस और जमानत की अर्जी पर सुनवाई करते हुए कहा कि कॉन्डम की उपस्थिति का मतलब यह नहीं है कि सेक्स सहमति से किया गया हो। बता दें कि इस नौसेना कर्मचारी पर अपनी सहयोगी के साथ दुष्कर्म का आरोप लगाया गया था।
इस रेप केस की सुनवाई के दौरान अदालत का कहना था कि, “केवल इसलिए कि कंडोम घटना स्थल पर मौजूद होना यह कहने के लिए पर्याप्त नहीं है कि शिकायतकर्ता के आवेदक के साथ सहमति से संबंध बने थे। यह भी हो सकता है कि आगे आने वाली दिक्कतों से बचने के लिए आरोपी ने कॉन्डम का इस्तेमाल किया हो।”
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देखा जाए तो यह टिप्पणी अदालत द्वारा नौसेना कर्मचारी पर ही किया गया था। मिली जानकारी के मुताबिक नौसेना कर्मी पर अपने ही सहयोगी की पत्नी से बलात्कार का आरोप लगाया गया है। दूसरी ओर उसने दावा किया था कि उसकी ओर से सहमति के बाद ही संबंध बनाए गए थे। जिसके समर्थन में उसने कॉन्डम लगाने की बात कही थी, जिस पर कोर्ट द्वारा यह टिप्पणी की गई।