आपको बता दें कि पाकिस्तान में अगले आम चुनाव से पहले पीएमएल-एन सुप्रीमो और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की संभावित वापसी की अफवाहों को लेकर तीखी बहस छिड़ गई है।
पाकिस्तान में नवाज शरीफ की वापसी को लेकर छिड़ी तीखी बहस
पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने स्पष्ट रूप से कहा कि नवाज शरीफ पूरी तरह से ठीक होने तक वापस नहीं आएंगे। वही नवाज शरीफ की वापसी की अटकलें ऐसे समय पर लगाई जा रही हैं जब कहा जा रहा है कि सेना के साथ उनका तालमेल फिर से ठीक हो गया है।
शहबाज शरीफ ने शनिवार को एक बयान में, कहा कि नवाज शरीफ ब्रिटेन में कानूनी रूप से तब तक रह सकते हैं जब तक कि ब्रिटिश गृह कार्यालय द्वारा वीजा बढ़ाने की अस्वीकृति के खिलाफ उनकी अपील पर आव्रजन न्यायाधिकरण नियम नहीं बनाते।
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वही इस बीच, पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने ट्वीट कर कहा , ‘इस नकली सरकार ने नवाज शरीफ से अपनी हार स्वीकार कर ली है, जो पाकिस्तान का वर्तमान और भविष्य है। साथ ही उन्होंने कहा एक बड़े व्यक्तित्व को निशाना बनाकर, एक पिग्मी का कद ऊंचा नहीं किया जा सकता है।’
चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित
प्रधानमंत्री के विशेष सहायक, शहजाद अकबर ने जवाबदेही और आंतरिक बैरिस्टर पर सवाल किया कि क्या नवाज शरीफ देश की राजनीति में भाग ले सकते हैं, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दोषी घोषित कर दिया और उन्हें जीवन के लिए चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया।
इसके अलावा एक जवाबदेही अदालत ने उन्हें एनएबी मामले में दोषी ठहराया। अकबर के मुताबिक ‘नवाज शरीफ को फिर से चुनाव लड़ने में सक्षम करने के लिए यह अफवाह उड़ाई जा रही है कि बार काउंसिल अदालत में याचिका दायर कर रही है। क्योंकि बार काउंसिल के लिए अदालत में याचिका दायर करना उचित नहीं है।
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उन्होंने कहा मुझे समझ में नहीं आता कि उन्हें चौथी बार पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनाना कानूनी रूप से कैसे व्यवहार्य है।’
साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट बार काउंसिल के अध्यक्ष ने नवाज शरीफ से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि सुप्रीम कोर्ट बार काउंसिल द्वारा इस मुद्दे को उठाना एक राजनीतिक निर्णय है। सुप्रीम कोर्ट बार एक पेशेवर निकाय है, इसलिए इसे खुद को राजनीतिक मामलों में शामिल होने से बचना चाहिए।