बता दे कि अब भारत में चीनी कंपनियों के खिलाफ बन रहे माहौल और सरकार के कड़े रुख का असर दिखने लगा है। चीनी वाणिज्यिक समूहों का बयान हाल ही में सामने आया है, जिसमें भारत सरकार से कंपनियों ने आग्रह करते हुए कहा है कि वह चीनी कंपनियों के खिलाफ अनियमित जांचों को बंद करे और एक समान व्यापारिक व्यवहार अपनाए।
भारत सरकार से चीनी कंपनियों के खिलाफ अनियमित जांचो को बंद करने का किया आग्रह
कंपनियों के मुताबिक भारत में उन्होंने तीन अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश किया है और पांच लाख से अधिक नौकरियों का सृजन किया है। इसके बावजूद उनके साथ सही व्यवहार नहीं किया जा रहा है।
उत्पादन पर पड़ रहा असर
इंडिया चाइना मोबाइल फोन एंटरप्राइज एसोसिएशन की ओर से दिए गए बयान में कहा गया है कि भारत में चीनी मोबाइल कंपनियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है।
वही भारत सरकार उन पर कई तरह के जुर्माने लगा रही है, और इसके अलावा विभिन्न तरह की जांच भी कर रही है, जिससे उत्पादन पर असर पर पड़ा है।
आयकर विभाग ने कंपनियों के खिलाफ शुरू की कार्रवाई
जब आयकर विभाग की ओर से ओप्पो, शिओमी, वनप्लस जैसी चीनी मोबाइल कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है।
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तब वाणिज्यिक समूहों द्वारा दिए गए बयान में कहा गया कि भारत में व्यापार आगे बढ़ाना मुश्किल हो रहा है, क्योंकि उन्हें अब यहां के अधिकारियों पर भरोसा नहीं है। इसके साथ ही आर्थिक और व्यापार सहयोग पर भारत की पहल उनके अनुकूल नहीं है।
आंकड़ों के अनुसार, भारत में 2015 से चीनी वित्त पोषित मोबाइल कंपनियां निवेश कर रही हैं। और अब तक भारत में 200 से ज्यादा निर्माता व 500 से अधिक चीनी व्यापारिक कंपनियां स्थापित हो चुकी हैं। इनका कुल निवेश तीन बिलियन डॉलर से अधिक है।