देश के अलग-अलग हिस्सों में बच्चे के जन्म को लेकर अलग-अलग परम्पराएं होती हैं।आज के समय में भी हमारे समाज में गोर-काले रंग में भेदभाव किया जाता है।ज्यादातर लोगों की ख्वाहिश होती है कि उनका बच्चा गोरा पैदा हो।गर्भवती महिलाओं का खास ख्याल रखा जाता है उनके खाने-पीने का विशेष ध्यान दिया जाता है ताकि उनका बच्चा गोरा पैदा हो तो उसे मार दिया जाता है।आइए जानते हैं ऐसा कौन सा देश है।
अपने ही बच्चों को मार देते हैं यहाँ के लोग
यह प्रथा केंद्र के शासित प्रदेश अंडमान की जारवा जनजाति की है।यहाँ के लोग अपने ही बच्चे को मार देते हैं और इसके पीछे की वजह बहुत ही विचित्र है।बता दें कि यहाँ के लोगों का मानना है कि अगर बच्चा गोरा होगा तो वह उस प्रजाति के लोगों से अलग दिखेगा। इससे वह खुद को समुदाय से अलग समझेगा।
जानवरों के खून का महिलाएं करती हैं सेवन
आपको बता दें कि इस जगह की स्त्रियाँ काले बच्चे को जन्म देने के लिए जानवरों के खून का सेवन करती हैं। माना जाता है कि जानवरों का खून पीने से गर्भवती महिला के गर्भ में पल रहे शिशु का रंग काला होता है।
बाहर से आने वालो के लिए यहाँ पर है प्रतिबंध
बता दें कि नवजात शिशु को समुदाय से जुड़ी सभी महिलाऐं स्तनपान करवाती है।जारवा जनजाति की मान्यताओं के मुताबिक इससे समुदाय की शुद्धता बनी रहती है.यहाँ विदेशी या बाहरी लोगों के आने पर भी प्रतिबंध है।