करहल में हाल ही में हुए चुनावी मुकाबले ने राजनीतिक हलकों में खासी चर्चा बटोरी। यहां दो प्रमुख यादव नेता, जो लालू यादव और मुलायम सिंह यादव के दामाद हैं, आमने-सामने आए।
Written By : Amisha Gupta
करहल में हाल ही में हुए चुनावी मुकाबले ने राजनीतिक हलकों में खासी चर्चा बटोरी।
इस मुकाबले में एक तरफ थे दिग्विजय सिंह, जो लालू यादव की बेटी की शादी के दामाद हैं, और दूसरी ओर हैं प्रतीक यादव, जो मुलायम सिंह यादव के परिवार से जुड़े हैं। यह मुकाबला न केवल राजनीतिक महत्व रखता था, बल्कि यह यादव समाज में भी एक प्रतीकात्मक संघर्ष था। दोनों उम्मीदवारों ने अपने-अपने राजनीतिक वादों के साथ चुनावी प्रचार में जोर-शोर से भाग लिया।
दिग्विजय ने सामाजिक न्याय और विकास पर जोर दिया, जबकि प्रतीक ने यादवों की एकता और विकास की दिशा में अपने लक्ष्यों को रखा।
इस चुनावी जंग ने दोनों परिवारों के बीच की राजनीतिक विरासत को भी उजागर किया, जिससे यह मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया। अंत में, परिणाम ने इस बात को साबित किया कि करहल में यादव वोट बैंक का कितना महत्व है। यह चुनाव न केवल व्यक्तिगत राजनीतिक संघर्ष का मामला था, बल्कि यह उत्तर प्रदेश की राजनीति में यादवों की भूमिका को भी दर्शाता है।