ब्राह्मण पंडितों को गाली देकर विवादों में आए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी अब उनके लिए अपने आवास पर भोज का आयोजन कर रहे हैं, लेकिन इसके लिए उन्होंने अनोखी शर्त रख दी है. जीतन राम मांझी ने 27 दिसंबर को दोपहर 12 बजे अपने सरकारी आवास पर ब्राह्मण भोज का आयोजन किया है. इस भोज में ऐसे ही पंडितों को निमंत्रण दिया गया है कि जिन्होंने कभी मांस और मदिरा का सेवन नहीं किया हो और कभी चोरी-डकैती न की हो. इसके साथ ही मांझी ने ब्राह्मण पंडितों के खिलाफ हमला जारी रखा. गुरुवार को उन्होंने अखबार की कतरन की तस्वीर ट्वीट करते हुए कहा कि चोर को चोर ही करूंगा.
जीतन राम मांझी ने किया आवास पर ब्राह्मण भोज का आयोजन लेकिन रखी अनोखी शर्त
खुद परोसेंगे ब्राह्मण और पंडितों को भोजन
हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने बताया कि जीतन राम मांझी इस भोज में खुद अपने हाथों से ब्राह्मणों को भोजन परोसेंगे। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में सिर्फ वहीं लोग आएं जो मांस-मदिरा न खाने और चोरी-डकैती न करने वाली शर्त को पूरा करते हों।
चोर को चोर ही कहूंगा: मांझी
विवादित बयान के बाद चौतरफा हमला झेल रहे बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी झुकने को तैयार नहीं हैं। हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने एक बार फिर हमला किया है। जीतन राम मांझी ने गुरुवार को अखबार की कतरन की तस्वीर माइक्रो ब्लागिंग साइट ट्विटर पर अपलोड की है।
इसका शीर्षक था- ‘भगवान का मुकुट बेचकर शराब पी गया पुजारी। इस कतरन के साथ उन्होंने लिखा- ऐसे पंडितों को आप क्या कहेंगे? मैं तो बार-बार वही कहूंगा जो कई दिनों से कहता आ रहा हूं। अब ऐसे ही चोरों के समर्थक फिर से मेरा विरोध करेंगे। करिए… जमकर करिए…। मैं तो चोर को चोर ही कहूंगा। बता दें कि हाल के दिनों में मांझी लगातार ब्राह्मण के खिलाफ बयान दे रहे हैं। एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने पंडितों को गाली तक दे दी थी।
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हालही में बोधगया में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मांझी ने कहा कि वह ब्राह्मण नहीं, ब्राह्मणवाद का विरोध करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने आखिरी दम तक मनुवादियों का विरोध करने की बात कही।
मांझी बोले कि अल्पज्ञानी, मांस-मदिरा का सेवन करने वाले और गरीबों को मूर्ख बनाने वाले पाखंडी पुजारियों का विरोध करने से कभी पीछे नहीं हटेंगे।
गौरतलब है कि मांझी हाल ही में ब्राह्मणों पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर चौतरफा घिर गए थे। सबसे प्रबल विरोध नीतीश सरकार में शामिल भाजपा नेताओं की ओर से आया था।
भाजपा की बिहार इकाई के कार्यकारी सदस्य गजेंद्र झा ने तो उनकी जीभ काटने पर 11 लाख रुपए के इनाम और आजीवन खर्च वहन करने जैसा विवादास्पद बयान भी दे दिया था।
हालांकि कल पार्टी ने उनके खिलाफ कार्रवाई कर ऐसी बयानबाजी पर सख्त संदेश देने की कोशिश की। विवाद बढ़ने के बाद मांझी ने मंगलवार को अपने ट्विटर हैंडल पर माफी मांग ली थी।
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”उन्होंने लिखा था- ‘ब्राह्मणों के खिलाफ इस्तेमाल किए गए शब्द जुबान फिसलने की वजह से हो सकते हैं। मैं इसके लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगना चाहता हूं। मैं ब्राह्मणों के खिलाफ नहीं हूं लेकिन मुझे ब्राह्मणवाद से आपत्ति है।’ मांझी ने कहा, ‘ब्राह्मणवाद की प्रथा हमेशा दलितों से नफरत करती है, उन्हें अछूत घोषित करती है। मैं ब्राह्मणवाद द्वारा बनाई गई इन अपमानजनक प्रथाओं के खिलाफ हूं।’