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क्या सऊदी अरब के खिलाफ जा रहे इमरान खान?

सऊदी अरब के तब्लीगी जमात पर प्रतिबंध लगाने की पाकिस्तान में जमकर आलोचना की जा रही है। बता दे की पाकिस्तान के सबसे प्रभावशाली सूबे पंजाब प्रांत की विधानसभा में तो विधायकों ने तब्लीगी जमात के समर्थन में बाकायदा प्रस्ताव तक पारित किया है।

क्या सऊदी अरब के खिलाफ जा रहे इमरान खान?

वही पक्ष और विपक्ष के सभी विधायकों ने एक सुर में दावा करते हुए कहा कि तब्लीगी जमात का आतंकवाद से कोई लेना-देना नहीं है। और सऊदी अरब के धार्मिक मंत्रालय ने प्रतिबंध का ऐलान करते हुए कहा था कि यह संगठन आतंकवाद का एंट्री पॉइंट है।

जमात के समर्थन में होगी विधानसभा की स्पेशल मीटिंग

मंगलवार को पंजाब विधानसभा के स्पीकर चौधरी परवेज इलाही ने सदन की विशेष बैठक बुलाई। इस बैठक में विधायक खदीजा उमर ने तब्लीगी जमात के समर्थन में प्रस्ताव पेश किया। स्पीकर ने प्रस्ताव पढ़ा और कहा कि सदन विश्वास को बढ़ावा देने वाले लोगों से सहमत है। साथ ही उन्होंने दावा किया की तब्लीगी जमात का आतंकवाद से कोई लेना-देना नहीं है और उनका इतिहास साबित करता है कि वे कभी भी इस तरह के काम में शामिल नहीं रहे हैं। सदन ने बाद में प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर दिया।

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सऊदी अरब ने लगाया प्रतिबंध

सऊदी अरब ने तब्लीगी जमात पर प्रतिबंध लगाते समय कहा था कि यह आतंकवाद का एंट्री पॉइंट है और इससे समाज को खतरा भी है। बता दे की सऊदी इस्लामी मामलों के मंत्रालय ने मस्जिदों को शुक्रवार की जुमे के नमाज के बाद तकरीर में लोगों को उनके साथ न जुड़ने की चेतावनी देने का निर्देश दिया। इसके अलावा मंत्रालय ने एक के बाद एक किए गए ट्वीट में कहा कि इस्लामिक मामलों के महामहिम मंत्री डॉ अब्दुल्लातिफ अल अलशेख ने कहा कि सभी मस्जिदें इसे अपनी तकरीर में शामिल करें और इससे जुड़े खतरों के बारे में लोगो को बताएं।

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क्या है तब्लीगी जमात

लगभग 100 साल पहले तब्लीगी जमात की शुरुआत देवबंदी इस्लामी विद्वान मौलाना मोहम्मद इलयास कांधलवी ने एक धार्मिक सुधार आंदोलन के रूप में की थी।बता दे की तब्लीगी जमात का काम विशेषकर इस्लाम के मानने वालों को धार्मिक उपदेश देना होता है। पूरी तरह से गैर-राजनीतिक इस जमात का मकसद पैगंबर मोहम्मद के बताए गए इस्लाम के पांच बुनियादी सिद्धातों कलमा, नमाज, इल्म-ओ-जिक्र ज्ञान, मुसलमानों का सम्मान, नीयत का सही होना और दावत और तब्लीग के लिए समय निकालने का प्रचार करना होता है। दुनियाभर में एक प्रभावशाली आध्यात्मिक आंदोलन के रूप में मशहूर जमात का काम अब पाकिस्तान और बांग्लादेश से होने वाली गुटबाजी का शिकार हो गया है।

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