टमाटर भी फुटकर में 40 से 80 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है। बाढ़ और बारिश की वजह से अधिकांश राज्यों में इसकी फसल बर्बाद हो गई है, जिसके चलते खुदरा बाजार में प्याज की कीमत 50 रुपये किलो हो गई है। हालांकि अब सरकार ने भी प्याज की कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए कमर कसना शुरू कर दिया है।
अच्छी क्वालिटी के प्याज की फिलहाल देश की थोक मंडियों में आपूर्ति नहीं हो रही है। मंडियों में इस वक्त दूसरे व तीसरे दर्जे की क्वालिटी वाला प्याज आ रहा है, जिसकी कीमत भी काफी बढ़ गई है। थोक मंडियों में यह प्याज भी 30 से 40 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है।
इन राज्यों में फसल हुई खराब…
मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र एवं कर्नाटक में बारिश की वजह से प्याज की फसल प्रभावित हुई है। प्याज में अगर पानी लग जाए तो फिर यह खराब होने लगता है। लेकिन यह पता नहीं चल पा रहा है की फसल कितनी खराब हुई है। सप्लाई में तेजी नहीं आने के चलते प्याज के दाम अभी बढ़ते रहेंगे। 5-10 दिनों के बाद ही यह कहा जा सकेगा की आने वाले महीनों में प्याज की क्या स्थिति रहेगी।
इतने बढ़ गई थोक कीमत…
प्याज की सबसे बड़ी मंडी महाराष्ट्र के नासिक में स्थित है। लासलगांव मंडी में प्याज के थोक भाव दो अगस्त को 1315 रुपये प्रति क्विंटल था जो 20 अगस्त को 2222 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। इस माह के आरंभ में कर्नाटक में जो प्याज 850 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा था उसका भाव 1950 रुपये हो गया है।
दिल्ली में इतना रहेगा दाम…
दिल्ली एनसीआर में स्थित सफल स्टोर पर 23.50 रुपये की दर से प्याज बेचने का सरकार ने एलान किया है। हालांकि इस प्याज की क्वालिटी कैसी रहेगी, इसके बारे में सरकार ने नहीं बताया है।
Written by : Simran Gupta
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