CENTRAL DESK : HEETA RAINA
बीजेपी के वरिष्ठ नेता राम माधव ने रविवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में नजरबंद कुछ नेता लोगों को यह संदेश दे रहे हैं कि वह हथियार उठाएं और बलिदान दें. माधव रविवार को श्रीनगर के टैगोर हॉल में बीजेपी समर्थकों की एक सभा को संबोधित कर रहे थे.5 अगस्त के बाद से आर्टिकल 370 को रद्द किए जाने और जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने के बाद पहली बार किसी बीजेपी नेता ने कश्मीर में जनसभा को संबोधित किया. उन्होंने कहा,“मैं लोगों से कहना चाहता हूं कि ऐसे नेताओं को कहें कि पहले वे अपना बलिदान दें और फिर दूसरे लोगों को ऐसा करने के लिए कहें.”
माधव ने आगे कहा, “ऐसी राजनीति नहीं चल सकती है. नया प्रशासन ‘सबका साथ, सबका विकास’ के साथ ही चलेगा. यही मोदी सरकार का सिद्धांत है.”
उन्होंने कहा कि अगर 200-300 लोगों को नजरबंद रखने से शांति मिलती है, तो उन्हें वहां कुछ और देर के लिए रहने दें. माधव ने कहा, “हम विकास और शांति के रास्ते पर चलेंगे और अगर ऐसा करने के लिए 200-300 लोगों को भी नजरबंद रखना पड़ा तो हम रखेंगे.” उन्होंने कहा कि कश्मीर में पिछले कुछ महीनों में हिंसा की घटनाओं में कमी आई है, अब वह नाम मात्र की रह गई हैं.
उन्होंने कहा कि अब जम्मू एवं कश्मीर के लिए केवल दो रास्ते हैं- शांति और विकास. माधव ने कहा, “और इसमें जो कोई भी बाधा बनेगा उसके साथ दृढ़ता से निपटा जाएगा. भारत में ऐसे लोगों के लिए कई जेल हैं.” उन्होंने कहा,“आर्टिकल 370 को रद्द करने की बात पहले कांग्रेस ने ही की थी. माधव ने कहा कि नेहरू ने खुद कहा था कि आर्टिकल 370 समय के साथ धीरे-धीरे घिस जाएगा, लेकिन अब इसे भावना के रूप में संदर्भित किया जा रहा है .बीजेपी महासचिव ने कहा, “दोस्तो, लोगों की भावना से बड़ी कोई भावना नहीं है.”
इस अफवाह पर कि आर्टिकल 370 को हटाए जाने के बाद नौकरी और जमीन भी चली जाएगी, माधव ने कहा, “लोगों के हित के खिलाफ कुछ भी नहीं किया जाएगा. “उन्होंने कहा, “हर नौकरी इस क्षेत्र के लोगों को मिलेगी.” माधव ने लोगों से प्रोपोगेंडा का शिकार न होने को कहा है.
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