राजद समर्थकों के लगातार विरोध को नकारते हुए आखिरकार देर रात रामा सिंह की राजद में एंट्री हो ही गई। दरअसल, रामा सिंह से तेजस्वी की लगातार बातचीत चल रही थीे। सूत्रों की माने तो मंगलवार को ही उन्हें राजद में शामिल कराने की घोषणा होनी थी साथ ही रामा सिंह की पत्नी वीणा सिंह को महनार से उम्मीदवार बनाने की क़वायद भी शुरू होनी थी। मगर पार्टी कार्यकर्ताओं के उग्र विरोध को देखते हुए इसे टाल दिया गया। हालांकि रामा सिंह ने मीडिया में कहा था कि उनकी पत्नी वीणा सिंह को महनार से उम्मीदवार बनाया जाना है।
बताते चलें कि केंद्रीय मंत्री रहे राजद के वरिष्ठ नेता और राजद के पुराने नेता रधुवंश प्रसाद सिंह ने मरते दम तक राजद में रामा सिंह की एंट्री का पुरज़ोर विरोध किया था। रघुवंश बाबू के विरोध और इस्तीफा प्रकरण के कारण लंबे समय से रामा सिंह की राजद में एंट्री टल रही थी। वहीं अब जब रघुवंश बाबू ही नहीं रहे तो लालू प्रसाद की पार्टी पर पकड़ भी कमजोर हो चली दिखती है।
दूसरी ओर पार्टी के सभी वर्गों के विरोध के बाद भी ऐसा निर्णय ना केवल तेजस्वी की सत्ता को लेकर कुलबुलाहट दिखता है बल्कि यह भी सिद्ध करता है की राजद के लिए इस बार सत्ता से कुछ भी कम मंज़ूर नहीं है।
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