7 अक्तूबर की देर रात गुपचुप तरीके से तेजस्वी यादव ने रामा सिंह को राजद का सिंबल थमाया।
रामा सिंह की राजद में एंट्री की सूचना पर दो दिन पहले ही राजद कार्यकर्ताओं ने जमकर बवाल काता था और राबड़ी देवी के घर के बाहर प्रदर्शन भी किया था । कई बार विरोध के कारण रामा किशोर सिंह की राजद में एंट्री टल रही थी। इसीलिए हंगामे के डर से बुधवार को रात के अंधेरे में रामा सिंह को सिंबल थमाया ।
आख़िर है कौन रामा किशोर सिंह
राम किशोर सिंह वैशाली (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र), बिहार से संसद के पूर्व सदस्य हैं। उन्होंने 2014 के भारतीय आम चुनाव में लोक जन शक्ति पार्टी के उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की। उन्होंने राजद के उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह को लगभग 1 लाख मतों से हराया। यहीं से रघुवंश प्रसाद और रामा सिंह में ठन गयी। रामा सिंह की आपराधिक हिंसा के बावजूद राजपूत जाति का काफी समर्थन प्राप्त है।
रामा सिंह ने वीणा सिंह से शादी की और उनके चार बच्चे हैं। उनके बेटे राजीव सिंह की उत्तर प्रदेश में एक सड़क दुर्घटना के दौरान मौत हो गई थी। राम सिंह लोक जनशक्ति पार्टी के सदस्य रहे हैं। इसी साल में तेजस्वी यादव ने राजपूत मतदाताओं को लुभाने के लिए उन्हें राष्ट्रीय जनता दल में शामिल करने की कोशिश की। बाद में लालू प्रसाद यादव के हस्तक्षेप के बाद, एंट्री टालती गयी।
राम सिंह को कई अपराधों में दोषी ठहराया जाता रहा है, जिनमें हत्या और अपहरण जैसे अपराध भी शामिल हैं। वह महनार विधानसभा क्षेत्र से कई बार बिहार विधानसभा के सदस्य रहे हैं, जो हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। हाजीपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र लोक जनशक्ति पार्टी का गढ़ है और रामविलास पासवान ने कई बार इसका प्रतिनिधित्व किया है। सिंह को 2019 में वैशाली लोकसभा क्षेत्र से एलजेपी द्वारा टिकट नहीं दिया गया था, हालांकि उन्होंने 2014 में रघुवंश प्रसाद सिंह को उसी सीट से हराया था।
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