सेन्ट्रल डेस्क रूपक J – खत्म हो गयी वो उम्मीद जिसके आस में आम आदमी पार्टी काफी दिनों से बैठे थे.
लोकसभा चुनाव से पहले राजधानी दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की बैठक हुए जिस दौरान यह क़यास लगाया जा रहा था की कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन हो सकती है लेकिन अब उम्मीद टूटता हुआ नज़र आ रहा है . आपको बता दे की कांग्रेस ने पहले ही गठबंधन नहीं करने का फैसला मीडिया के सामने रख चूका था लेकिन आधिकारिक रूप से यह फैसला सामने नहीं आया था ।
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संरक्षक अरविंद ने केजरीवाल ने आज यानि सोमवार को बयान दिया की कांग्रेस समझौता नहीं करना चाहती है। एयरपोर्ट पर मीडिया के द्वारा बातचीत के दौरान केजरीवाल ने बताया की गटबंधन को लेकर राहुल गाँधी से कुछ दिन पहले मुलाकात की लेकिन उन्होंने मना कर दिया. गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी की ओर से लगातार दिल्ली में कांग्रेस के साथ गठबंधन की कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन कांग्रेस नकारती रही है.
एक सर्वे के अनुसार यह कयास लगाया जा रहा है की अगर कांग्रेस और आप दोनों दिल्ली में मिलकर सातों सीट पर चुनाव लड़ती है तो बीजेपी को नुकसानदायक होगा, वहीं अकेले लड़ने से भाजपा फायदे में दिखाई दे रहा है।
आपको दे की दिल्ली में आप-कांग्रेस गठबंधन नहीं होना इसके पीछे का कारण; दरअसल कांग्रेस भी दो गुटों में बंट चुके है .
गठबंधन को लेकर जहाँ दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने आप के पक्ष में नहीं है तो वहीं प्रभारी पीसी चाको गठबंधन के पक्ष की बात करते नज़र आते लेकिन सोमबार को अरविंद केजरीवाल के बयानों से साफ पता चला रहा है की आप-कांग्रेस का गठबंधन नहीं हो रहा है .