पश्चिमी चंपारन के पूर्व कलेक्टर दिलीप कुमार (Dilip Kumar) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मुकदमा चलाने का आदेश दिया है। गौरतलब है कि अधिवक्ता बृजराज श्रीवास्तव (Brijraj Shrivastav) के साथ बुरे व्यवहार और मारपीट कर जेल भेजने के मामले में दायर परिवाद (शिकायत) को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है। परिवाद में दोषी पूर्व जिला अधिकारी दिलीप कुमार पर आपराधिक मुकदमा चलाने की इजाज़त दे दी गई है।
परिवाद दर्ज करवाने वाले अधिवक्ता बृजराज श्रीवास्तव ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि साल 2008 में पूर्व जिला अधिकारी दिलीप कुमार पर आपराधिक मुकदमा दायर किया गया था। उक्त परिवाद को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने शपथ पत्र पर बयान लेने के बाद खारिज कर दिया था। इसके बाद परिवादी ने इस फैसले के खिलाफ जिला जज के न्यायालय में चुनौती दी थी। वहां भी परिवाद खारिज हुआ। आखिर में परिवादी ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी और जिला जज के फैसलों के खिलाफ उच्च न्यायालय पटना का सहारा लिया।
पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने भी केस चलाने की अनुमति दी थी। पटना हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को निरस्त किया और जिलाधिकारी दिलीप कुमार पर आपराधिक मुकदमा चलाने का आदेश दिया था। उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में अधिवक्ता को गिरफ्तार कर रात नौ बजे रिमांड करने एवं देर रात में मंडल कारा में भेजने पर भी सवाल उठाए थे। उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के खिलाफ पूर्व जिलाधिकारी दिलीप कुमार ने सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। जहां सर्वोच्च न्यायालय ने जिला अदालत के फैसले को निरस्त कर दिया है और उच्च न्यायालय के आदेश को सही ठहराते हुए पूर्व जिलाधिकारी पर आपराधिक मुकदमा चलाने का आदेश दिया है।
प्रेस वार्ता में ब्रजराज श्रीवास्तव (Brijraj Shrivastav) ने बताया कि वर्ष 2008 करनेमेया महावीरी अखाड़ा से जुड़े विवाद को सुलझाने के लिए समाहरणालय कक्ष में शांति समिति की बैठक बुलाई गई थी। जिसमें दोनों पक्षों के लोगों को बुलाया गया। बैठक में अधिवक्ता ब्रजराज श्रीवास्तव एवं विजय कश्यप को भी बुलाया गया था। वहां जिलाधिकारी ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर करने का दवाब बनाया, लेकिन परिवादी ने कहा कि शांति कायम हो गई है, यह अच्छी बात है। लेकिन महावीरी झंडा फाड़कर हनुमान जी की मूर्ति तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। इस पर जिलाधिकारी भड़क गए। इसके बाद अधिवक्ता ब्रजराज श्रीवास्तव और विजय कश्यप के साथ दूसरे कमरे में मारपीट की गई और नगर थाने में हवालात में बंद करा दिया गया। 12 बजे रात में नियम के विरुद्ध जिलाधिकारी ने दोनों को जेल भिजवाया था।
By: मीनाक्षी पंत