कोरोना काल में उजागर हुई स्वास्थ्य विभाग की खामियों को ठीक करने के लिए बिहार सरकार ने कदम उठाने की शुरुआत कर दी है।
खबर है कि बिहार विधानसभा चुनाव के पहले स्वास्थ्य विभाग बड़े पैमाने पर डॉक्टरों और नर्सों के साथ दूसरे पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्तियां कर सकता है।
जिन पदों पर नियुक्तियां की जानी है उनमें सामान्य डॉक्टर, विशेषज्ञ डॉक्टर, जीएनएम, एएनएम के पद हैं।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने इसकी पुष्टि
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि विभाग सितंबर महीने में 4000 डॉक्टरों की बहाली की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है।
तथा इसके अलावा इसी महीने सामान्य डॉक्टर, विशेषज्ञ चिकित्सक 12,000 से अधिक विज्ञापन जारी कर दिया जाएगा।
साथ ही स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि पिछले 3 वर्षों में प्रदेश में 11 नए मेडिकल कॉलेज के साथ एक डेंटल कॉलेज की निर्माण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।
इनमें चार मेडिकल कॉलेज एवं एक डेंटल कॉलेज का निर्माण कार्य चल रहा है मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास मेडिकल कॉलेज के लिए निर्धारित कर दी गई है।
इस खबर के साथ एक बात तो तय है कि बिहार सरकार मुस्तैदी से स्वास्थ्य विभाग में हो रही भर्तियों के लिए काफी तेजी से काम करने में लगी है; लेकिन आगामी चुनाव के मद्देनजर कहीं यह सरगर्मियां रहकर ना रह जाए यह भी देखने वाली बात होगी।
दिया स्वास्थ्य मंत्रालय का लेखा जोखा
देश के सर्वाधिक पिछड़े हुए राज्यों में से किस प्रदेश में 3 वर्ष में 21000 पदों पर हुई है।
बहाली इस बात पर जोर देते हुए मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि विभाग इन तीन वर्षों में 21 हजार से ज्यादा नियुक्तियां कर चुका है।
गौरतलब है कि यह नियुक्तियां राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत की जाएंगी जिनमें सामान्य डॉक्टरों की संख्या 221 विशेषज्ञ डॉक्टरों की संख्या 400 जीएनएम की संख्या 4000 तथा इनकी संख्या आठ हजार होगी कुल मिलाकर 12621 पदों पर नियुक्तियां की जाएगी जो पिछले 3 वर्ष में हुई 21000 पदों की बहाली के अलावा हैं