Written By : Amisha Gupta
छठ महापर्व पर बिहार में हुई त्रासदी में राज्य के विभिन्न हिस्सों में 59 लोगों की डूबने से मौत हो गई, और 11 लोग अभी भी लापता हैं।
ये हादसे उस समय हुए जब लोग छठ पूजा के दौरान नदियों, तालाबों और अन्य जलस्रोतों में सूर्य को अर्घ्य देने के लिए एकत्रित हुए थे। गंगा, कोसी और अन्य प्रमुख नदियों में जलस्तर बढ़ने और सुरक्षा इंतजामों में कमी के कारण हादसों का खतरा बढ़ गया था, जिसके चलते यह दुर्घटनाएं हुईं। घटनाएं मुख्य रूप से पटना, भागलपुर, वैशाली, समस्तीपुर, और दरभंगा जैसे जिलों में हुईं। कई स्थानों पर भारी भीड़ थी और पानी का बहाव तेज था। प्रशासन ने तुरंत स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन बल को बचाव कार्य के लिए तैनात किया।
हालांकि, कई स्थानों पर अंधेरा होने और पानी का तेज बहाव बचाव कार्य में बड़ी चुनौती साबित हुआ।
स्थानीय निवासियों ने भी अपनी ओर से प्रयास किया, लेकिन कुछ लोगों को समय रहते नहीं बचाया जा सका बिहार सरकार ने इस हादसे पर शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता प्रदान करें और घायलों का तत्काल इलाज सुनिश्चित करें। प्रशासन ने प्रभावित स्थानों पर सुरक्षा बढ़ाने का भी निर्देश दिया है, ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
छठ महापर्व के दौरान हर साल लाखों लोग नदियों के किनारे एकत्र होते हैं, लेकिन कई स्थानों पर सुरक्षा प्रबंधों की कमी देखने को मिली।
नदियों के किनारे कीचड़, फिसलन और तेज धार के कारण हादसों का खतरा बना रहता है। इस बार भी कई स्थानों पर बैरिकेडिंग, चेतावनी संकेत और सुरक्षा कर्मियों की कमी देखी गई। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को इन स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षा इंतजाम करने चाहिए थे, ताकि हादसों को रोका जा सके।अभी तक 59 लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि 11 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। परिवार के लोग अपने प्रियजनों को खोजने में जुटे हैं, और प्रशासन ने स्थानीय लोगों से भी लापता लोगों की जानकारी देने की अपील की है। पीड़ित परिवारों पर अचानक आए इस संकट ने छठ महापर्व के त्योहार को शोक में बदल दिया है।
राज्य सरकार ने कहा है कि आने वाले दिनों में छठ पूजा के दौरान भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा उपायों को मजबूत किया जाएगा।
जिलों के प्रमुख स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की जाएगी और आपदा प्रबंधन की टीमें सतर्क रहेंगी। प्रशासन ने यह भी कहा है कि अगले वर्ष से बड़े जलस्रोतों के पास सुरक्षा प्रबंधों को बढ़ाया जाएगा, ताकि इस तरह की त्रासदियों से बचा जा सके।इस दुखद घटना ने राज्य में त्योहारों के दौरान सुरक्षा उपायों की गंभीरता को फिर से उजागर कर दिया है।