लंबे वक्त के बाद आखिरकार चीन ने गलवान को लेकर कबूलनामा कर ही लिया है। चीन ने हाल ही में बयान जारी कर कहा है कि गलवान में भारतीय सैनिकों के साथ हुई चीनी सेना की झड़प में उसके जवानों की मौत हुई थी। चीनी सेना की तरफ से एक अखबार में छपे लेख के मुताबिक चीन ने गलवान में मारे गए अपने पांच सैनिकों के नाम भी उजागर किए हैं। दरअसल लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर भारत और चीन के रिश्तों में जमीं बर्फ धीरे-धीरे पिघल रही है। कम होते तनाव के बीच चीन ने पहली बार माना है कि गलवान में उसके भी सैनिक मारे गए थे।
चीन ने पिछले साल जून में भारतीय सेना के साथ हुई खूनी झड़प के दौरान मारे गए चार सैनिकों की जानकारी साझा की है। इस खूनी झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग ने काराकोरम पर्वत पर तैनात रहे पांच चीनी सैनिकों के बलिदान को याद किया। इन सैनिकों में पीएलए शिनजियांग मिलिट्री कमांड के रेजीमेंटल कमांडर क्यूई फबाओ, चेन होंगुन, जियानगॉन्ग, जिओ सियुआन और वांग ज़ुओरन शामिल हैं। इन पांच जवानों में चार की मौत गलवान की खूनी झड़प में हुई थी, जबकि एक की मौत रेस्क्यू के वक्त नदी में बहने से हुई थी।
हालांकि, चीन गलवान घाटी में मारे गए पीएलए सैनिकों का आंकड़ा काफी कम बता रहा है। भारतीय सेना की उत्तरी कमान के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने कहा था कि गलवान घाटी की झड़प के बाद 50 चीनी सैनिकों को वाहनों के जरिए ले जाया गया था। इस गलवान की झड़प में चीनी सेना के काफी लोग मारे गए थे। वाईके जोशी ने कहा था कि रूसी एजेंसी TASS ने 45 चीनी जवानों के मारे जाने का दावा भी किया था। ऐसे में चीन की तरफ से दी गई जानकारी अभी भी अधूरी ही लग रही है।
दरअसल पिछले साल जून में पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई खूनी झड़प हुई थी। इस झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे। इस घटना में चीन के भी कई सैनिक मारे गए थे लेकिन चीन ने इसे लेकर उस वक्त कोई आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया था।