सदर बाजार के व्यापारी देवराज बावेजा का कहना है कि बाजार में भीड़ कम करने का उपाय सरकार को ढ़ूंढना चाहिए। सोशल डिस्टेंसिंग कैसे लागू हो इस पर विचार-विमर्श करने की आवश्यकता है।
दिल्ली: व्यापारियों को सताने लगा बाजार बंद होने का डर
सदर बाजार में खरीददारी करते लोग
कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामले को लेकर बाजार बंद होने का डर व्यापारियों को सताने लगा है। जिस रफ्तार से संक्रमण दर बढ़ रहा है और ओमिक्रॉन का खतरा है वैसी स्थिति में कही येलो अलर्ट जारी ना हो जाए इसे लेकर व्यापारी परेशान है। इसे लेकर व्यापारिक संगठनों ने उप-राज्यपाल, मुख्यमंत्री व डीडीएम को पत्र भी लिखा है।
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) द्वारा तैयार की गई ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के तहत संक्रमण दर बढ़ते ही बाजार की गतिविधियों पर शिकंजा कसा जा सकता है। चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष बृजेश गोयल ने बताया कि सकारात्मकता दर 0.5 प्रतिशत से अधिक हो जाती है, तो ग्रैप लगने की संभावना है, जिसके तहत दिल्ली के बाजारों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में कई तरह की पाबंदियां लगाई जाएंगी।
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‘‘येलो अलर्ट जारी होते ही कई गतिविधियां और व्यवसाय बंद हो जाएंगे। इस बाबत डीडीएमए को एक पत्र लिखा गया है। जिसमें अनुरोध किया गया है कि येलो अलर्ट तभी लागू होना चाहिए जब दिल्ली में 1,500 कोरोनावायरस के मामले सामने आए। फिलहाल 1,500 कोविड मामले दर्ज नहीं हो रहा है।
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उधर, दिल्ली जिम एसोसिएशन ने उप-राज्यपाल अनिल बैजल व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक पत्र लिखा है। जिसमे एक बार फिर लॉकडाउन को लेकर चिंता जाहिर की गई है। दिल्ली जिम एसोसिएशन के उपाध्यक्ष चिराग सेठी ने कहा है कि उद्योग को पहले ही काफी नुकसान हुआ है। येलो एलर्ट के फैसले से उद्योग पर बुरा असर पड़ेगा। लिहाजा सरकार को व्यापारियों को ध्यान में रख किसी तरह का फैसला लेने की आवश्यकता है।
सदर बाजार के व्यापारी देवराज बावेजा का कहना है कि बाजार में भीड़ कम करने का उपाय सरकार को ढ़ूंढना चाहिए। सोशल डिस्टेंसिंग कैसे लागू हो इस पर विचार-विमर्श करने की आवश्यकता है। व्यापार को पूर्णत: बंद कर देना आर्थव्यव्था के लिहाजा से बेहतर नहीं है।