साल 2020 के फरवरी महीने में दंगो ने दिल्ली को दहला दिया था। अब इससे जुड़ी जांच जारी है और रोजाना नए नए खुलासे हो रहे है। दिल्ली दंगे की साजिश रचने के मामले में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद के खिलाफ दायर सप्लीमेंट्री चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने मुख्य आरोपित व आम आदमी पार्टी के पार्षद रहे ताहिर हुसैन का एक सनसनीखेज बयान संलग्न किया है। इसमें ताहिर के बीते वर्ष 8 जनवरी को शाहीन बाग में उमर खालिद के साथ हुई बैठक के बारे में बताया गया है।
आपको बता दें पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के बयान के अनुसार नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शन में सक्रिय उमर खालिद ने ताहिर से कहा था कि, जब तक हंगामा नहीं करेंगे सरकार बात नहीं मानेगी चाहे जितने घरों को जलाना पड़े, हिंदुओं को मारा जाए! हर कीमत पर सरकार को हिलाना है।
खजूरी खास इलाके के मुकदमे में पुलिस ने ताहिर, खालिद सैफी सहित 15 लोगों को आरोपित बनाया था उमर खालिद को भी हाल ही में आरोपित बनाया गया है। बीते वर्ष 26 दिसंबर को उसके खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की गई थी और 5 जनवरी को कड़कड़डूमा स्थित मुख्य अदालत दंडाधिकारी दिनेश कुमार की कोर्ट ने सुनवाई की थी।
ताहिर ने बयान में कहा है कि उमर खालिद ने बताया था कि उसके मित्र और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) दंगे के लिए आर्थिक मदद देंगे। दंगे के लिए लोगों को तैयार करें व जरूरी सामग्री खरीदें इसके बाद मैंने अपने क्षेत्र के गुलफ़ाम को दंगे के लिए तैयारी करने को कहा गुलफाम की मांग पर उसकी लाइसेंसी पिस्तौल के लिए गोलियां खरीदने को 15000 दिए जिससे उसने 100 गोलियां खरीदी।
ताहिर हुसैन ने बयान में कहा है, खालिद सैफी से उमर खालिद ने कहा था कि जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत आएंगे तभी दंगे भड़काएँगे ताकि मोदी सरकार की किरकिरी हो इसलिए हमने 23 फरवरी से दंगे की शुरुआत की। इन बयानों से साफ जाहिर होता है कि, दंगे सुनियोजित थे दंगे भड़काने की पूरी तैयारी की गई थी।