मणिपुर में बीते तीन महीने से हिंसा या छिटपुट हिंसा की घटना सुनने में आती रहीं हैं। जिसके विरोध में पूरा विपक्ष सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया। इस बीच विपक्षी दलों का गठबंधन ‘I.N.D.I.A’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलांयस) के 21 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल मणिपुर का दौरा के लिए निकल चुका हैं, जिससे राजनीतिक हवा और तेज चलने लगी हैं।
I.N.D.I.A गठबंधन के इस प्रतिनिधिमंडल में लोकसभा और राज्यसभा दोनों के सांसद शामिल हैं। दोनों सदनों के 21 सदस्यीय विपक्षी प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई, के सुरेश और फूलो देवी नेताम, झामुमो की महुआ माजी, राजद के मनोज कुमार झा, डीएमके से कनिमोझी, सीपीआई के संतोष कुमार, सीपीआई (एम) से एए रहीम शामिल हैं।
इसकें अलावा जदयू के राजीव रंजन, ललन सिंह, सपा के जावेद अली खान, तृणमूल कांग्रेस से सुष्मिता देव, एनसीपी के पीपी मोहम्मद फैजल, जेडीयू के अनिल प्रसाद हेगड़े, आईयूएमएल के ईटी मोहम्मद बशीर, आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन, आप के सुशील गुप्ता, शिवसेना (उद्धव गुट) के अरविंद सावंत, वीसीके के डी रविकुमार, वीसीके के थिरु थोल थिरुमावलवन और आरएलडी के जयंत सिंह भी शामिल हैं।
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अभी तक पीएम ने मणिपुर जाने की कोशिश भी नहीं की है। आज विपक्ष के झटके के बाद केंद्र जाग गया है। तो वहीं केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि यह गठबंधन (I.N.D.I.A) के सांसदों का दिखावा है जो मणिपुर गए हैं। विपक्ष और उसके सहयोगी कभी मणिपुर का नाम तक नहीं लेते थे, जब वो सरकार में थे। उन्होंने कहा कि सभी सांसद जब मणिपुर से वापस आएंगे, तो मैं कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी से उन्हें पश्चिम बंगाल लाने का अनुरोध करूंगा।