अगर आप भी बुखार और दर्द से निजात पाने के लिए लेते हैं 325mg की पेरासिटामोल तो हो जाइए सावधान। 325 एमजी की पेरासिटामोल ना सिर्फ आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है जानलेवा साबित हो सकता है| जानिए क्या दावा किया गया है नई रिसर्च में,
अगर आप भी बुखार और दर्द से निजात पाने के लिए लेते हैं 325mg की पेरासिटामोल तो हो जाइए सावधान। 325 एमजी की पेरासिटामोल ना सिर्फ आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है बल्कि आपके ब्लड में भी इंफेक्शन पैदा कर सकता है। साथ ही आपको लिवर से जुड़ी परेशानियां भी झेलनी पड़ सकती है। जानकारी के मुताबिक बीसीसीआई ने 325mg से ज्यादा के पेरासिटामोल पर बैन लगा दिया है। लेकिन फिर भी थोक के भाव और खुलेआम 325mg से ज्यादा केक पेरासिटामोल हर मेडिकल स्टोर पर बेचे जा रहे हैं।
बताया जा रहा है कि एक महिने पहले ही डीसीजीआई द्वारा फार्मास्यूटिकल कंपनियों को आदेश दिया था कि 500 एमजी पैरासिटामोल की जगह 325 एमजी का ही इस्तेमाल किया जाए। इससे ज्यादा डोज वाली दवाओं की बिक्री पर रोक की जिम्मेदारी ड्रग इंस्पेक्टरों को सौंपी गई है। लेकिन अभी तक इसको लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया है। इस मामले में जब दवा बेचने वालों से पूछताछ की गई तो पता चला कि अभी तक इस तरह के प्रतिबंध को लेकर उन्हें कोई सूचना नहीं दी गई है और इतना ही नहीं डॉक्टर खुद ही 500 एमजी की पेरासिटामोल प्रेफर कर रहे हैं इसीलिए वे लोग इसे बेच रहे हैं।
इस मामले में फिजिशियन डॉ. राजेश कुमार का कहना है कि एक महिने पहले ही ये आदेश डीसीजीआई की ओर से जारी किया गया था। जिसमें कहा गया था कि कॉम्बिनेटेड दवाओं में पैरासिटामोल की मात्रा 325 एमजी से ज्यादा न हो। जबकि बाजार में ऐसी दवाएं अभी भी दुकानों पर खुलेआम बिक रही हैं जिनमें पैरासिटामोल की मात्रा 600 एमजी तक है। उनका कहना है कि किसी वयस्क को 24 घंटे में केवल दो ग्राम पैरासिटामोल दिया जा सकता है। ऐसे में 500 एमजी या इससे ज्यादा की केवल पैरासिटामोल की टेबलेट भी तीन बार से ज्यादा नहीं ली जानी चाहिए क्योंकि यह जानलेवा भी साबित हो सकती है। इससे अधिक पैरासिटामोल का सेवन कई बीमारियों को आवाहन दे सकता है। जिससे लीवर जैसी समस्या हो सकती है।
सहायक औषधि आयुक्त एजाज अहमद का भी यही कहना है कि कॉम्बिनेशन में 325 एमजी से अधिक पैरासिटामोल की दवाओं पर प्रतिबंध है। जिसे लेकर बड़े स्तर पर अभियान चलाया गया था और आगे भी चलाया जाएगा इसको लेकर लोगों को सलाह भी दी जाती है कि ऐसी दवाइयों का प्रयोग ना करें। इसे लेकर बड़े स्तर पर अभियान चलाया जाएगा। लोगों को सलाह दी जाती है कि ऐसी दवाओं का सेवन न करें।