भारत के अधिकांश हिस्सों में चंद्रमा पूर्वी क्षितिज से नीचे होगा और इसलिए देश के अधिकतर लोग पूर्ण चंद्रग्रहण नहीं देख पाएंगे
पंकज झा शास्त्री
वर्ष 2021 का पहला चंद्रग्रहण आज होने वाला है। वर्ष का ये पहला चंद्र ग्रहण वैशाख पूर्णिमा को लगने वाला है।
खगोल वैज्ञानिकों और ज्योतिष विज्ञान के मुताबिक ये एक पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, जो दुनिया के कई देशों में दिखाई देगा परंतु भारत में ये पूर्ण चंद्रग्रहण देखना संभव नहीं हो सकेगा, इसलिए इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल भारत में नहीं माना जाएगा।
साल का पहला चंद्र ग्रहण बुद्ध पूर्णिमा के दिन, वृश्चिक राशि पर होगा।भारत में यह उपछाया चंद्रग्रहण होगा। इसलिए भारत में ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा।
इसके बावजूद इस चंद्र ग्रहण का धार्मिक महत्व है। उपच्छाया ग्रहण को ज्योतिष ग्रहण की श्रेणी में नहीं रखता और इसके प्रभाव व सूतक काल पर भी ध्यान नहीं दिया जाता। पूर्ण ग्रहण के समय भारत के अधिकांश हिस्सों में चंद्रमा पूर्वी क्षितिज से नीचे होगा और इसलिए देश के अधिकतर लोग पूर्ण चंद्रग्रहण नहीं देख पाएंगे।पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में चंद्र ग्रहण का आखिरी नजर आ सकता है वह भी पूर्वी आसमान की ओर बहुत करीब जब चंद्रमा निकलने का ही समय हो रहा होगा। देश में कोलकाता शहर में चंद्रमा शाम 6:16 मिनट पर निकलेगा और इस दौरान आंशिक चंद्रग्रहण की कुछ मिनट तक झलक संभवतः दिख सकती है। और 6.22 मिनट पर यह समाप्त होगा।
इन देशों में दिखाई देगा चंद्र ग्रहण
26 मई को लगने जा रहा चंद्र ग्रहण पूर्वी एशिया, उत्तरी व दक्षिण अमेरिका के ज्यादातर हिस्सों सहित और ऑस्ट्रेलिया से यह पूर्ण चंद्रग्रहण दिखाई देगा।
यह चंद्र ग्रहण जापान, बांग्लादेश, दक्षिण कोरिया, बर्मा, सिंगापुर, फिलीपींस, उत्तरी एवं दक्षिणी अमेरिका में भी पूर्ण व स्पष्ट दिखाई देगा।
भारत में उपक्षया चंद्र ग्रहण होने के कारण इसका विवरण भारत के अधिकतर पंचांगों में नही किया गया है परंतु विश्व के अन्य अधिकतर देशों में यह पूर्ण चंद्र ग्रहण के रूप में दिखाई देगा।
वैसे चन्द्रमा का असर मन और जल पर अधिक परता है,हो सकता है कि विश्व के कुछ हिस्सों में इसका असर देखना संभव हो।
नोट – जिस तथ्य को समझकर जब कोई भविष्यवाणी की जाती है तो उसका फलादेश का संकेत कुछ दिन पूर्व से कुछ दिन बाद तक के बीच हो सकता है।
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