Breaking News
Home / धार्मिक / ज्ञानवापी परिसर के सर्वे में मिले हिंदू साक्ष्य

ज्ञानवापी परिसर के सर्वे में मिले हिंदू साक्ष्य

बाबा भोलेनाथ की नगरी काशी का ज्ञानवापी परिसर (Gyanvapi) एक लंबे समय से मुक्ति की मांग कर रही है। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में ज्ञानवापी (Gyanvapi) परिसर में सर्वे किया जा रहा है। सर्वे के दौरान कई ऐसे साक्ष्य पाए गए हैं जो यहां मंदिर होने के दावे की पुष्टि करते हैं। ज्ञानवापी(Gyanvapi) परिसर में एएसआई (ASI) सर्वे को रोकने की मुस्लिम पक्ष की याचिका पर कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इसके बाद अब कल यानी 3 अगस्त को इसे लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होगी।

बताते चलें कि एएसआई (ASI) द्वारा किए जा रहे सर्वे में परिसर से कई हिंदू कलाकृतियों के साक्ष्य मिलें हैं। परिसर में त्रिशूल, घंटी, कमल की पंखुड़ी की आकृति, स्वास्तिक चिन्ह और कई देव मूर्तियां मिली हैं। इसके साथ ही कार्यवाही में यह सामने आया है कि ज्ञानवापी (Gyanvapi) परिसर के तहखाने में चार दरवाजों को नई ईंटों से बंद किया गया है। ज्ञात हो कि सबसे पहले परिसर में शिवलिंग के साक्ष्य पाए गए थे। जिसके बाद से यहां मस्जिद की जगह मंदिर होने का दावा किया जा रहा है।

इस बीच बीते सोमवार उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई (ANI) को दिए इंटरव्यू में अपनी राय रखते हुए कहा कि “अगर ज्ञानवापी को हम मस्जिद कहेंगे तो विवाद होगा। भगवान ने जिसको दृष्टि दी है, वो देखे न। त्रिशूल मस्जिद के अंदर क्या कर रहा है? हमने तो नहीं रखे हैं न। ज्योर्तिलिंग हैं, देव प्रतिमाएं हैं। पूरी दीवारें चिल्ला-चिल्लाकर क्या कह रही हैं।”

योगी ने कहा “मुझे लगता है कि ये प्रस्ताव मुस्लिम समाज की तरफ से आना चाहिए कि ऐतिहासिक गलती हुई है। उस गलती के लिए हम चाहते हैं कि समाधान हो।” इस बयान के बाद से ही मामला तूल पकड़ता नज़र आ रहा है। देशभर में कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने कई बयान दिए।

इसके साथ ही एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने योगी आदित्यनाथ के बयान के खिलाफ कहा कि यह पूरा मामला हाईकोर्ट में हैं, इसके बावजूद भी सीएम इसे लेकर बयान दे रहे हैं। यह संविधान के खिलाफ और भड़काऊ है। इस पूरे मामले पर आम लोगों से लेकर राजनीतिक दलों की नज़र बनी हुई है। अब इंतज़ार इसका है कि हाईकोर्ट इस पूरे मामले में क्या फैसला सुनाती है।

By : Meenakshi Pant

About News Desk

Check Also

तुलसी विवाह 2024: 22 नवंबर को मनाया जाएगा कार्तिक मास की शुक्ल एकादशी का यह पावन पर्व !

तुलसी विवाह मुख्यतः कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। इसे …

Leave a Reply

Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com