भारत ने पकिस्तान के नापाक इरादों पर पानी फेरने के लिए दुनिया के सबसे एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम रूस के S-400 की तैनाती की तैयारी शुरू कर दी है बता दें कि इसकी पहली खेप में मिले सिस्टम को इंडियन एयर फोर्स अगले महीने पंजाब के एक एयरबेस पर तैनात करेगी और इसके लगने से पाकिस्तान की सीमा पर किसी भी नापाक कोशिश को नाकाम किया जा सकेगा
सूत्रों के अनुसार इस सिस्टम को पूरी तरह लगाने में कम से कम छह सप्ताह का समय और लगेगा मिसाइल सिस्टम की पहली रेजिमेंट को इस तरह से तैनात किया जा रहा है कि जिससे उत्तरी क्षेत्र में चीन की सीमा के कुछ हिस्सों के साथ पूरे पाकिस्तानी बॉर्डर को कवर किया जा सके
आपको बता दें कि दुनिया के सबसे आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम माने जाने वाले S-400 से हवा में भारत की ताकत अभेद्य हो जाएगी इसके साथ ही यह सिस्टम 400 किलोमीटर की रेंज में दुश्मन की मिसाइल, ड्रोन और एयरक्राफ्ट को हवा में ही नष्ट कर सकता है. इसमें सुपरसोनिक और हाइपरसोनिक समेत 4 तरह की मिसाइलें शामिल हैं. जो 400 किमी तक निशाना भेदने में अचूक हैं
S-400 की सबसे बड़ी खासियत इसका मोबाइल होना है. यानी,इसे रोड के जरिए कहीं भी लाया ले जाया जा सकता है इसके अलावा इसमें 92N6E इलेक्ट्रॉनिकली स्टीयर्ड फेज्ड ऐरो रडार लगा हुआ है जो करीब 600 किलोमीटर की दूरी से ही मल्टिपल टारगेट्स को डिटेक्ट कर सकता है. इसकी सबसे बड़ी बात यह है कि यह सिस्टम कमांड मिलने के 5 से 10 मिनट में ही ऑपरेशन के लिए रेडी हो जाता है और एस-400 की एक यूनिट से एक साथ 160 ऑब्जेक्ट्स को ट्रैक किया जा सकता है.
भारत को जो सिस्टम मिल रहा है, उसकी रेंज 400 किलोमीटर है , यानी कि यह 400 किलोमीटर दूर से ही अपने टारगेट को डिटेक्ट कर काउंटर अटैक कर सकता है इसके साथ ही यह 30 किलोमीटर की ऊंचाई पर भी अपने टारगेट पर अटैक कर सकता है बता दें कि इस डिफेंस सिस्टम में सर्विलांस रडार लगा होता है, जो अपने ऑपरेशनल एरिया के इर्द-गिर्द एक सुरक्षा घेरा बना लेता है जैसे ही इस घेरे में कोई मिसाइल या दूसरा वेपन एंटर करता है, रडार उसे डिटेक्ट कर लेता है और कमांड व्हीकल को अलर्ट भेज देता है वही अलर्ट मिलते ही गाइडेंस रडार टारगेट की पोजिशन पता कर काउंटर अटैक के लिए मिसाइल लॉन्च करता है.
बता दे कि रूस से भारत ने S-400 की 5 बैटरी के लिए डील की है इसकी पूरी खरीद 40 हजार करोड़ रुपये की है. S-400 एक एयर डिफेंस सिस्टम है, ये हवा के जरिए हो रहे अटैक को रोकता है और यह दुश्मन देशों के मिसाइल, ड्रोन, राकेट लॉन्चर और फाइटर जेट्स के हमले को रोकने में कारगर है.