यह सच है दुनियाभर के आधी आबादी से ज्यादा लोग शराब या नशे के आदि हो चुके है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हाल ही में एक सर्वे हुआ था जिसमे पता चला था कि मनुष्य में एक जीन का छोटा- उत्परिवर्तन जब किसी जीन के डीएनए में कोई स्थाई परिवर्तन होता है तो उसे उत्परिवर्तन ( म्यूटेशन) कहा जाता है उसे शराब या अन्य मादक पदार्थों का आदि बना सकती है। सीओएमटी नामक जीन शरीर को डोपामाइन के प्रबंधन में मदद करता है।
डोपामाइन एक रसायन है। जो व्यक्ति को शराब पीने या मादक पदार्थ लेने के दौरान जारी होता है। निवर्सिटी ऑफ ओकलहोमा के कॉलेज ऑफ मेडिसिन के विलियम आर.लोवालो ने सीओएमटी के उत्परिवर्तन पर फोकस किया है.सीओएमटी जीन में उत्परिवर्तन वाले लोग शुरुआती जीवन में अवसाद के प्रभावों के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते हैं। सीओएमटी जीन की वजह अवसाद को लेकर ज्यादा जोखिम होने की वजह से व्यक्ति 15 साल से कम आयु में ही शराब व मादक पदार्थों की तरफ प्रेरित होता है।
इस शोध का प्रकाशन पत्रिका ‘एल्कोहोलिज्म : क्लिनिकल एंड एक्सपेरिमेंटल रिसर्च’ में किया गया। लोगो के नशे का आदि होने की सबसे बड़ी वजह अवसाद Depression माना गया है। हमें अपने बच्चो व पर परिवार के बातावरण पर या उनके जीवन में चल रही गतिविधियों पर ध्यान देना होगा कंही परिवार के लोग अवसाद के शिकार तो नहीं है। अगर हम अपने परिवार के लोगो को अवसाद से बाहर रखेंगे तो अमूमन हम उन्हें शराब की नशे की लत लगने से बचा पाएंगे।
WRITTEN BY- RISHU TOMAR